बता दें कि करीब तीन वर्ष पहले बांदा शहर के पंडित जेएन डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल नंदलाल शुक्ला ने जिलाधिकारी की मिली भगत से प्राचार्य आवास की अवैध लीज अपने नाम करा ली थी, साथ ही इसके अलावा कॉलेज के एक हिस्से की लीज अपनी बहू के नाम करा कर उसमे नर्सिंग होम भी खुलवा दिया था। काफी समय से कॉलेज छात्र इसका विरोध करते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन लेकर लीज को कैंसिल करने की मांग कर चुके है । पर इनके प्राथना पत्रों पर प्रशासन द्वारा कभी भी
ध्यान नहीं दिया गया ।
इसी सिलसिले में कॉलेज के छात्रों ने जिलाधिकारी कार्यालय में जमकर हंगामा काटा व इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। छात्र नेताओं ने कहा कि पंडित जेएन डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल नंदलाल शुक्ला ने जिलाधिकारी से मिलकर प्राचार्य आवास की अवैध लीज अपने नाम करा ली थी, इसके अलावा कॉलेज के एक हिस्से की लीज अपनी बहू के नाम करा उसमें नर्सिंग होम खुलवा दिया था। जिसका हम लोग लगातार कई बार विरोध करते हुए प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर लीज को कैंसिल करने की मांग कर रहे है पर प्रदर्शन इसे अनसुनी कर रहा है।
छात्र नेताओं ने कहा कि यदि हमारी सुनवाई नहीं हुई तो इस बार हम लोग अनशन व धरना प्रदर्शन पर बाध्य होंगे। वही दूसरी तरफ इस ज्ञापन के बाद शायद छात्र नेताओं की मेहनत रंग लाई है। प्रशासन ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए दोनों लीज को निरस्त कर दिया है।
प्रशासन द्वारा दोनों लीजों की जांच कराई गयी थी। जिसमें लीजो का आवंटन गलत पाया गया था। जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गयी थी। रिपोर्ट के आधार पर शासन ने तब रहे तत्कालीन एडीएम दया शंकर पांडेय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
आपको बता दें कि एडीएम इस कॉलेज का प्रशासन की ओर से नामित सचिव होता है। इस मामले पर अपर जिलाधिकारी गंगाराम गुप्ता ने बताया कि दोनों लीज निरस्त कर दी गयी हैं और अब वह अपने पूर्व स्वरूप में बहाल हो गयी हैं, जवाबदेही तय करने की बात पर उन्होंने कहा कि अब यह मुद्दा खत्म हो गया है।