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राजस्थान की बेटी का विदेशी धरती पर ‘डबल’ धमाल, इंटरनेशनल शूटर बनाने के लिए पिता ने गांव में बनवाई थी शूटिंग रेंज

Maheshwari Chauhan : माहेश्वरी चौहान को भी दादा और पिता की तरह निशानेबाजी का बचपन से शौक था। उनके दादा गणपत सिंह और पिता प्रदीप सिंह नेशनल तक खेल चुके है। लेकिन, उनके बेटी उसने काफी आगे निकल चुकी है।

जालोरApr 30, 2024 / 10:36 am

Anil Prajapat

Maheshwari Chauhan : राजस्थान की युवा शॉटगन निशानेबाज माहेश्वरी चौहान ने विदेशी धरती पर ‘डबल’ धमाल कर भारत का मान बढ़ाया है। जालोर जिले के सियाणा की रहने वाली इंटरनेशनल शूटर माहेश्वरी चौहान ने दोहा में आईएसएसएफ शॉटगन ओलंपिक क्वालीफिकेशन चैंपियनशिप में महिलाओं की स्कीट स्पर्धा में सिल्वर जीता। साथ ही पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई किया। इस उपलब्धि के लिए माहेश्वरी चौहान को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश की बेटी को बधाई दी है।
माहेश्वरी चौहान ने दोहा, कतर में आयोजित शॉटगन ओलंपिक क्वालीफिकेशन चैंपियनशिप के आखिरी दिन रविवार को महिलाओं की स्कीट स्पर्धा में रजत पदक जीता। इसके अलावा भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई किया है। पहली बार फाइनल में खेल रही महेश्वरी को स्वर्ण पदक के लिए शूट ऑफ में चिली की फ्रांसिस्का क्रोवेटो चाडिड ने 4-3 से हराया।

सीएम भजनलाल ने दी बधाई

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने माहेश्वरी चौहान को रजत पदक जीतने और पेरिस ओलंपिक 2024 में चयनित होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि कठोर परिश्रम एवं एक निष्ठ ध्येय से प्राप्त आपकी यह गौरवशाली विजय समस्त युवाओं के लिए प्रेरणादायी है।
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पिता ने 18 बीघा जमीन में बेटी के लिए बनवाई थी शूटिंग रेंज

माहेश्वरी को बचपन से ही पढ़ाई के साथ-साथ शूटिंग का शौक था। यही वजह थी कि उनके पिता ने सियाणा से 6 किमी दूर आकोली रोड पर 18 बीघा जमीन में बेटी के लिए शूटिंग रेंज बनवा दी। खास बात ये है कि इस रेंज में अब तक जिला शूटिंग एसोसिएशन के तत्वावधान में राजस्थान स्टेट ओपन के साथ कई बार जिला स्तरीय निशानेबाजी टूर्नामेंट का आयोजन हो चुका है।

कौन है माहेश्वरी चौहान ?

माहेश्वरी चौहान का जन्म राजस्थान में जालोर जिले के सियाना में 4 जुलाई 1996 को हुआ। माहेश्वरी चौहान को भी दादा और पिता की तरह निशानेबाजी का बचपन से शौक था। उनके दादा गणपत सिंह और पिता प्रदीप सिंह नेशनल तक खेल चुके है। लेकिन, उनके बेटी उसने काफी आगे निकल चुकी है।
माहेश्वरी चौहान अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में महिलाओं की स्कीट में व्यक्तिगत पदक जीतने वाली पहली भारतीय हैं। उन्हें राष्ट्रीय कोच विक्रम सिंह चोपड़ा के तहत प्रशिक्षित किया गया था। साल 2012, 2013 2014 में गोल्ड जीतने वाली माहेश्वरी चौहान अब तक दर्जनों अवार्ड अपने नाम कर देश का नाम रोशन कर चुकी है।

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