सरकार से नहीं मिली कोई सहायता तो खुद खुदवा डाले तालाब, अब सूखे बांदा में सिंचाई के लिये मिल रहा भरपूर पानी
उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र हमेशा से ही सूखे व बदहाली के लिए जाना जाता है।

बांदा. उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र हमेशा से ही सूखे व बदहाली के लिए जाना जाता है। जहां एक तरफ देश के तमाम हिस्से में इस समय जल संकट छाया हुआ है वही बांदा के जलगांव के निवासी एक किसान ने गांव में तालाब खोदकर पानी को इकट्ठा कर उसे मोनो ब्लाक के माध्यम से खेतों तक पहुंचाया जिससे खेती की पैदावारी में बढ़ोतरी हुई है। बांदा के महुआ ब्लाक के पडुई गांव के 58 वर्षीय किसान नवल किशोर ने खेती में सिंचाई के पानी के लिए आज से दो वर्ष पूर्व से एक योजना तैयार की थी जिससे इस गांव की फसलें हमेशा ही लहराती हैं और पैदावार भी अच्छी होती है। सूखे की मार झेलते हुए पडुई गांव के किसान नवल किशोर ने 2016-17 में गांव में खेतों के पास एक तालाब खुदवाया था जिसमे ट्यूबवेल के माध्यम में जल संचय कर उस पानी को मोनो ब्लाक के माध्यम से खेतों तक पहुंचाया था। इस तरह से पिछले दो वर्षों में इस गांव में कई तालाब खोदे गए हैं जिससे इस तालाबों में पानी इकट्ठा करके उन्हें खेतों तक पहुंचाया जाता है।
किसान नवल किशोर का कहना है की उन्होंने पानी की किल्लत और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की किल्लत को देखते हुए 2016-17 में गांव में एक तालाब खुदवाया था जिसमे हमने पानी को इकट्ठा किया था। फिर उस पानी को खेतों की सिंचाई में इस्तेमाल किया था। इसके बाद से हमने गांव में 9 तालाब खुदवाये थे और इस वर्ष भी 5 तालाब खुदवाये जा रहे हैं। जिस में हम पानी को इकट्ठा कर खेतों में पानी पहुचायेंगे। इस तरीके से हमारे गांव में ट्यूबवेल और हैण्डपम्पों का जलस्तर भी अच्छा है। हमे तालाब खुदवाने से लाभ हुआ है, अब हमे बरसात का इंतजार नहीं करना पड़ता है। इस गांव के किसानों के कहना है की सरकार से हमें कोई लाभ नहीं मिला है। हमारे गांव में पानी के लिए बहुत दिक्कत थी, जिस पर किसान नवल किशोर ने तालाब खुदवाने की योजना बनाई और हम सभी ने मिलकर तालाब खोदे और ट्यूबवेल से उसमे पानी भरा और इसके बाद से हमारे गांव में कई तालाब खुदे हैं जिससे हम आसानी से इस पानी को सिंचाई के लिए इस्तेमाल कर लेते हैं। किसानों का कहना है की तालाब हमारे जीवन में वरदान बनकर आया है। कहा की तालाबों के माधयम से हमने प्रगति की है पर हम अन्ना जानवर से परेशान हैं, हम सब्जी उगाते है और लाखों की खेती करते हैं। कहा की केन नदी में अवैध खनन से नदी का जलस्तर गिर गया है पर हमारे गांव में तालाब होने से हमें कोई समस्या नहीं है। पहले गांव में एक तालाब था, इस साल 5 तालाब और खुदवाये गए हैं, जिससे अब हमे पानी की जरा सी भी किल्लत नहीं होगी।
इस बारे में उप कृषि निदेशक अरविन्द कुमार सिंह ने किसानों की योजना को सरकार की योजना बताकर अपनी उपलब्धि गिनाते नजर आये। उनका कहना था की सिंचाई तीन तरीकों से होती है जिसमे नहर, ट्यूबवेल और तालाब हैं, जहां नहर व ट्यूबवेल नहीं है वहां सरकार खेत, तालाब योजना चला रही है। जिसमे किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है जिससे तालाब खुदवाकर खेतों की सिंचाई हो सके। बताया की जिले में 1800 तालाब खुदे हुए हैं तथा इस वर्ष सरकार ने 2000 तालाब खुदवाने का लक्ष्य रखा है जिसमें 300 तालाब खुदवाये जा चुके हैं।
अब पाइए अपने शहर ( Banda News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज