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बैंगलोर

जागृत होकर आत्मा साधना करें: आचार्य चंद्रयश

सिद्धाचल स्थूलभद्र धाम मेंं प्रवचन

बैंगलोरSep 04, 2021 / 02:00 pm

Santosh kumar Pandey

बेंगलूरु. सिद्धाचल स्थूलभद्र धाम, देवनहल्ली में पर्युषण पर्व आराधना के प्रथम दिन आचार्य चंद्रयश सूरीश्वर ने कहा कि पर्युषण महापर्व पर्वों का राजा है। यह पर्व आध्यात्मिक डाइटिंग का है जिससे मनुष्य में रही विषय वासना, राग-द्वेष, कषाय सब दूर हो जाता है।
आत्मा से पूछा जाय कि यह उत्तम मनुष्य गति में आकर क्या किया तो जवाब मिलेगा कि समय बिताया। पर्व आया है तो जागृत होकर आत्मा साधना कर लेनी चाहिए। पर्युषण पर्व में हमें पांच प्रकार की आराधना करनी है। पौषध, पूजा, प्रत्याख्यान, प्रवचन, प्रतिक्रमण करना चाहिए। यह पांच आराधना प्रमाद का त्याग करके पवित्र भाव से करनी है।
उन्होंने कहा कि धर्म की शुरुआत कोमलता से होती है। दया भाव अति आवश्यक है। वर्तमान में व्यक्ति कोमल से कठोर बनते जा रहे हैं। हिंसा का वातावरण बढ़ रहा है। जिस दिन मनुष्य की अंतरआत्मा जागृत हो जाएगी, परिणति में धर्म आएगा तब पाप का डर आ ही जाएगा। साधर्मिक भक्ति का लाभ प्रेमाबेन पुखराज तालेड़ा परिवार ने लिया।

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