मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने शहर के लिए पार्किंग नीति २.० पर हुई बैठक में मुख्य सचिव टीएम विजय भास्कर को अधिकारियों के साथ नीति के मसौदे की समीक्षा कर उसमें बदलाव करने के निर्देश दिए। मौजूदा में बदलाव कर सरकार इसे अधिक प्रभावी बनाने के साथ ही राजस्व भी बढ़ाना चाहती है। प्रस्तावित नीति के संशोधित मसौदे को मंत्रिमंडल की अगली बैठक में पेश किया जाएगा। नई नीति में सार्वजनिक परिवहन के उपयोग के साथ ही नियंत्रित और तकनीक आधारित पार्किंग व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाएगा।
बैठक के दौरान अधिकारियों ने नई नीति की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री को बताया कि पिछले सात साल के दौरान शहर में वाहनों की संख्या लगभग दुगुनी हो गई है। अधिकारियों ने सड़कों पर अनियंत्रित पार्किंग से होने वाली यातायात समस्या के बारे में भी बताया।बैठक में शहरी विकास मंत्री बीए बसवराज, बेंगलूरु विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एसआर विश्वनाथ, मुख्यमंत्री के सलाहकार एम लक्ष्मी नारायण, शहरी भूतल परिवहन निदेशालय की निदेशक वी मंजूला, बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका के प्रशासक गौरव गुप्ता व पुलिस आयुक्त कमल पंत आदि मौजूद थे।
वाहन खरीदने वालों से लिया जाएगा प्रतिबद्धता पत्र विश्वनाथ ने संवाददाताओं को बताया कि वाहन खरीदने वाले को खुद पार्किंग व्यवस्था करने के वादे के अनुसार प्रतिबद्धता पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा। इसी शर्त पर वाहन की खरीदने की अनुमति दी जाएगी। बेंगलूरु में वाहन पार्किंग की समस्या बहुत बड़ी है। इसे सरकार ने गंभीरता से लिया है। नए वाहन खरीदने वालों को उसे अपने मकान के परिसर में ही पार्क करने का प्रतिबद्धता पत्र देना होगा। बेंगलूरु में पार्किंग की सही तरीके से व्यवस्था नहीं है। इसलिए सरकार को कुछ सख्त नियम बनाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि नागरिकों ने सड़कों पर वाहन पार्किंग के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कई इलाकों में मकान के सामने और सड़कों पर भी वाहन पार्क किए जाते हैं। इससे सफाई कर्मचारियों को सफाई करने में परेशानी होती है। अगर मकान के करीब खाली जगह हो तो वहां पार्किंग की जा सकती है। इस सिलसिले में पालिका से करार करने पर विचार किया जा रहा है। खाली पड़ी सरकारी जमीन पर पार्किंग का सुझाव भी दिया गया है। शहर के व्यस्ततम 85 से 90 क्षेत्रों में स्मार्ट पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। पार्किंग शुल्क को लेकर भी दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे।