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बैंगलोर

राज्य की राजनीति : कांग्रेस से ज्यादा भाजपा को अपने नेताओं से मिल रही चुनौती

पार्टी से बगावत करने वाले नेताओं को मनाने में भाजपा नेताओं के पसीने छूट रहे हैं…

बैंगलोरNov 20, 2019 / 03:19 pm

Ram Naresh Gautam

राज्य की राजनीति : कांग्रेस से ज्यादा भाजपा को अपने नेताओं से मिल रही चुनौती

राज्य की राजनीति : कांग्रेस से ज्यादा भाजपा को अपने नेताओं से मिल रही चुनौती

बेंगलूरु. कर्नाटक में उपचुनाव में भाजपा को प्रतिद्वंद्वियों के साथ ही पार्टी से बगावत कर नामांकन भरने वाले नेताओं से चुनौतियां मिल रही हैं। ऐसे में पार्टी ने बागी नेताओं को मनाने की जिम्मेदारियां भरोससेमंद नेताओं को सौंपी हैं।
मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने बागियों को नामांकन पत्र वापस लेने के लिए मनाने को लेकर प्रमुख नेताओं से बात की है। इसके बाद से उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सवदी, सीएन अश्वथनारायण, गृहमंत्री बसवराज बोम्मई, आर. अशोक, जे.सी. माधुस्वामी, वी. सोमण्णा, जगदीश शेेट्टर आदि नेता मान मनौव्वल में जुट गएहैं। गुरुवार को नामांकन पत्र वापस लेने का आखिरी दिन है।
नागराज की राह में शरत बने रोड़ा

बेंगलूरु ग्रामीण जिले की होसकोटे सीट पर शरत बच्चेगौड़ा भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार एमटीबी नागराज के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं और पार्टी से निष्कासित किए जाने की परवाह नहीं करते हुए बाकायदा चुनाव मैदान में डटे हैं।
उधर, बेलगावी जिले की अथणी सीट पर उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सवदी के करीबी माने जाने वाले पंचमशाली समुदाय के गुरप्पा दासाल्या को नामांकन पत्र वापस लेने के लिए समझाया जा रहा है।

गुरुप्पा के मैदान में रहने पर पंचमशाली समुदाय के वोट बंटने से महेश कुमटहल्ली को नुकसान झेलना पड़ सकता है।
इसी तरह विजयनगर सीट पर भाजपा के बागी कविराज अर्स ने चुनाव मैदान में उतरकर पार्टी नेताओं की नींद उड़ा दी है। मुख्यमंत्री ने बल्लारी जिले के नेताओं को अर्स को मनाने के लिए प्रयास करने को कहा है।
कांग्रेस में भी टिकट बंटवारे से असंतोष
विपक्षी दल कांग्रेस में टिकटों के बंटवारे के बाद वरिष्ठ नेताओं में नाराजगी है। कई नेता प्रचार में सक्रियता से भाग नहीं ले रहे हैं।

शिवाजीनगर सीट से रिजवान अरशद को टिकट देने से नाराज स्थानीय नेताओं में से कुछ ने तटस्थ रहने का निर्णय किया है।
यशवंतपुर व केआरपुरम में कांग्रेस के पार्षदों व स्थानीय नेताओं के भाजपा उम्मीदवारों के साथ खुलकर जुडऩे से पार्टी नेता चिंतित हैं और इन पर पार्टी से निष्कासित कर देने की चेतावनी देने का भी कोई असर नहीं हो रहा है।

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