कार्यकर्ता पुराने उपायुक्त कार्यालय के सामने एकत्र हुए और अधिकारियों के खिलाफ नारे लगाए। अधिकारियों को अर्जुन की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। प्रदर्शनकारियों ने चिंता व्यक्त की कि सरकार अर्जुन की मौत के कारणों का ठीक से जांच नहीं करेगी। मामले को दबाने की हर संभव प्रयास करेगी। इसलिए वे चाहते थे कि अर्जुन के शव को कब्र से बाहर निकाला जाए।
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कोई पोस्टमॉर्टम नहीं किया गया है। सभी जानते हैं कि अर्जुन के पिछले पैरों में बंदूक की गोली लगी थी, जिसके परिणामस्वरूप वह जमीन पर गिर गया और हिंसक जंगली हाथी ने उसे घायल कर दिया। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।अर्जुन की मौत से लोग और वन्यजीव कार्यकर्ता गहरे सदमे में हैं। मौत के बाद से विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं ने शनिवार को इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया था।