तो हुआ यूं कि तमिल मूल के कॉलमिस्ट आनंद रंगनाथन ने दक्षिण भारत की प्रसिद्ध मिठाई मैसूरु पाक का एक डिब्बा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को देने की एक तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट की। कैप्शन के रूप में उन्होंने हास्यपूर्ण संदेश लिखा कि ‘बेहद प्रसन्न हूं कि एक सदस्यीय समिति द्वारा तमिलनाडु को मैसूर पाक का जीआई टैग दिया गया है, वार्ता सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है। डबलूडीटीटी’।
आनंद का यह मजाक कर्नाटक के टीवी न्यूज चैनलों के लिए मसाला मिल गया। कई चैनलों ने आनंद के ट्वीट की सत्यता परखे बिना ही दावा करना शुरू कर दिया कि केंद्र सरकार ने तमिलनाडु को मैसूर पाक का जीआई टैग जारी कर दिया है। महज कुछ घंटों में पूरे कर्नाटक से मैसूर पाक पर राज्य का दावा किया जाने लगा और लोगों ने सोशल मीडिया पर तरह तरह के केंद्र और तमिलनाडु विरोधी पोस्ट किए।
बिना किसी पड़ताल के एक चैनल ने दिखाया कि तमिलनाडु मैसूर पाक की उत्पत्ति पर लड़ाई शुरू करने की कोशिश कर रहा है। एक अन्य चैनल की ओर से दिखाया गया कि केंद्र सरकार द्वारा तमिलनाडु को जीआई टैग देने के फैसले से कर्नाटक के लोगों में नाराजगी है। एक चैनल ने निर्मला का दोहरा चेहरा नाम से बेबुनियाद खबरें दिखानी श़ुरू की और कहा कि कर्नाटक से राज्यसभा सांसद होकर भी निर्मला ने कर्नाटक के हितों की रक्षा नहीं की।
कन्नड़ संगठनों ने किया विरोध
मैसूर पाक की इस अफवाह को कन्नड़ संगठनों ने और ज्यादा हवा दे दी। सोमवार को कन्नड़ कार्यकर्ता वाटाल नागराज ने कहा कि तमिलनाडु पहले से ही कावेरी मुद्दे पर कर्नाटक का हक मार रहा है। और, अब उन्होंने हमारी मिठाई मैसूर पाक को अपना बनाने का षडयंत्र रचा है। कर्नाटक के लोग इसे कतई स्वीकार नहीं करेंगे।
क्या है मैसूरु पाक
बेसन, चीनी और घी से बनने वाला मैसूर पाक एक प्रसिद्ध मिठाई है जिसकी उत्पत्ति और दक्षिणी राज्यों में विस्तार के पीछे मैसूर शासक वाडियार की भूमिका मानी जाती है। इसके नाम से भी लगता है कि यह मैसूर से आरंभ हुआ होगा। हालंाकि तमिलनाडु में इतिहासकारों के एक वर्ग का मानना है कि मैसूर पाक की शुरूआत तमिलनाडु से हुई लेकिन नाम की वजह से इसे मैसूर का माना जाता है। दोनों राज्यों के बीच कुछ समय पूर्व भी जीआई टैग को लेकर विवाद हुआ था लेकिन इसमें दोनों राज्यों की सरकारों की कोई भूमिका नहीं थी।
विवाद शांत कराने उतरे तेजस्वी सूर्या
सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों में मैसूर पाक को लेकर हो रही बेबुनियाद और भडक़ाऊ बहसबाजियों को शांत कराने बेंगलूरु दक्षिण सांसद तेजस्वी सूर्या को ट्वीट करना पड़ा। उन्होंने विनोदपूर्ण लहजे में लिखा कि मैंने चैनलों से बात की है और उनसे झूठी खबरें न चलाने का आग्रह किया है।