बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. अरुण कुमार ए.आर. ने बताया कि नीति में शीघ्र निदान, शीघ्र रेफरल, हब और स्पोक मॉडल का निर्माण, साझा देखभाल और एकीकृत बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी पैलिएटिव केयर शामिल होगी।सालाना 4 लाख बच्चे, किशोर शिकार
एक अनुमान के अनुसार हर साल वैश्विक स्तर पर करीब चार लाख बच्चों और किशोरों में कैंसर विकसित होता है। यानी हर दिन लगभग 1,000 बच्चों में कैंसर का पता चलता है। बच्चों में ल्यूकेमिया, मस्तिष्क कैंसर, लिम्फोमा और ठोस ट्यूमर जैसे न्यूरोब्लास्टोमा और विल्म्स ट्यूमर आम है।हर वर्ष 500 नए मामले
Kidwai Memorial Institute of Oncology में हर साल बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी विभाग में लगभग 500 नए पंजीकरण होते हैं। बाह्य रोगी विभाग में पिछले वर्ष 18,000 मरीज आए। 16 बिस्तरों वाला बाल गहन देखभाल (पीआइसीयू) भी चौबीसों घंटे चालू रहता है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी राज्यों से भी मरीज केएमआइओ पहुंचते हैं।जंग में कई चुनौतियां
विकसित देशों में कैंसर से पीडि़त करीब 80 फीसदी बच्चे लंबे समय तक जीवित रहते हैं, लेकिन भारत जैसे निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अभी भी चुनौतियां हैं। जागरूकता की कमी, देर से निदान, विशेष देखभाल तक पहुंचने में बाधाएं, बीच में उपचार छोडऩा, कैंसर की दवाओं का दुष्प्रभाव सहित उपचार के बाद भी कैंसर का पनपना आदि जैसी कई चुनौतियां हैं, जिससे केएमआइओ निपटने की कोशिश कर रहा है।