बता दें कि कई दिन तक चली मान-मनौव्वल के बाद मंगलवार को कांग्रेस ने सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री पद और प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पद से हटा दिया था। अनुभवी नेताओं को दरकिनार नहीं किया जा सकता
मोइली ने कहा पार्टी युवाओं के साथ है, लेकिन अनुभवी नेताओं को दरकिनार नहीं किया जा सकता। पार्टी में युवाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन अनुभवी नेताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि 42 वर्षीय नेता को उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत में ही पार्टी ने लोकसभा सदस्य और बाद में केंद्रीय मंत्री बनाया, उप मुख्यमंत्री बनाया और प्रदेश अध्यक्ष बनाया।
मोइली ने कहा कि पार्टी की स्थानीय इकाइयों के सामने आ रही समस्याओं को समझने की जरूरत है। और यही काम पार्टी के महासचिव नहीं कर पा रहे हैं। पार्टी के नेता चौकन्ने होते तो राजस्थान में आए राजनीतिक संकट से बचा जा सकता था। पार्टी में यदि कोई अनबन उभर रही है तो केंद्रीय नेतृत्व के संज्ञान में लाया जाना चाहिए।
आला कमान के स्तर पर भी सतर्कता का अभाव
पूर्व केन्द्रीय मंत्री मोइली ने कहा कि कई बार आला कमान के स्तर पर भी सतर्कता का अभाव रहता है। सबकुछ होने के बाद वे घबरा जाते हैं। यह तरीका नहीं है। पार्टी के प्रभारी महासचिव अब जिलों का दौरा नहीं करते। हमें जिला स्तर पर नेताओं की आकांक्षाओं को समझना होगा तभी पार्टी को मजबूत किया जा सकता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा दूसरे दलों के ऐसे महत्वाकांक्षी युवाओं को आकर्षित करती है जो आसानी से उसकी बातों में आ जाते हैं।