४,२०२ करोड़ रुपए की इस परियोजना में नम्मा मेट्रो ने कॉरपोरेट सेक्टर से सहयोग लेने की योजना बनाई है जिसे राज्य मंत्रिमंडल से इसी वर्ष २८ फरवरी २०१८ को स्वीकृति मिली थी। बीएमआरसीएल के भूमि अधिग्रहण विभाग के अनुसार ओआरआर की इस परियोजना के लिए फिलहाल ४८ संपत्तियों को अधिसूचित किया गया है। नम्मा मेट्रो इसके लिए कुल ३६,७८२ वर्गमीटर भूमि अधिग्रहित करेगा।
१७ किमी की इस परियोजना का पूरा खंड एलीवेटेड है जिस कारण सिर्फ मेट्रो के खंभों और स्टेशनों के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता है। हालांकि इबलूर स्टेशन के लिए कुछ अतिरिक्त भूमि की जरुरत है। परियोजना लागत को न्यूनतम रखने के लिए नम्मा मेट्रो ने किसी भी प्रीमियम भूमि के अधिग्रहण की योजना नहीं बनाई है और ज्यादातर खुले भूभाग का अधिग्रहण किया जा रहा है। पूरे खंड में एक जगह सर्वाधिक ३००० वर्ग मीटर भूमि अधिग्रहित होगी और चूंकि यह सरकारी संपत्ति है इसलिए अधिग्रहण में परेशानी नहीं होगी।
अधिग्रहित संपत्तियों के मुआवजा के लिए बीएमआरसीएल ने कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआइएडीबी) को एक अधिसूचना जारी की है, जो संपत्ति मालिकों को अधिग्रहण की सूचना भेजने के पूर्व राज्य सरकार को इसकी मंजूरी के लिए सूची भेज देगा।
कार्पोरेट कंपनियों से हुआ है करार
निगम ने बेलंदूर मेट्रो स्टेशन के निर्माण के लिए इंटेल के साथ करार किया है जबकि काडुबेसनहल्ली मेट्रो स्टेशन को एम्बेसी ग्रुप विकसित करेगा। वहीं ओआरआर लाइन के लिए त्रिस्तरीय पैकेज वाली निविदा जारी की जा चुकी है और जल्द ही इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। बीएमआरसीएल को भरोसा है कि पूरी लाइन वर्ष-२०२१ तक तैयार हो जाएगी। १७ किमी में कुल १३ मेट्रो स्टेशनों वाले इस खंड के दोनों छोर रीच-१ (बैयप्पनहल्ली से एमजी रोड) और रीच-५ (आरवी रोड से बोम्मसंद्रा) से जुडेंग़े।