60 इंजीनियरिंग कॉलेजों पर बंदी का खतरा
16 हजार 236 सीटें और 5521 विद्यार्थी
कॉमेड-के नहीं भर सका सीटें
बेंगलूरु. प्रदेश के 60 इंजीनियरिंग कॉलेजों के स्नातक पाठ्यक्रमों में इस बार कुल 30 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है। हैरत की बात तो यह है कि 60 में 30 कॉलेजों की एक सीट भी नहीं भरी जबकि अन्य 30 कॉलेजों में एक-एक विद्यार्थियों ने दाखिला लिया। सभी कॉलेज कॉमेड-के के अंतर्गत आते हैं। इस बार कॉमेड-के के तहत उपलब्ध इंजीनियरिंग की कुल 16,236 सीटों में से 5,521 सीटों पर ही दाखिला हुआ। स्थानीय जांच समिति जांच कर कारण पता लगाएगी।
विश्वेश्वरय्या प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (वीटीयू) को रिपोर्ट सौंपेगी। सभी कॉलेज वीटीयू से संबद्ध हैं। वीटीयू के कुलसचिव प्रो. जगन्नाथ रेड्डी ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेंगे। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) इन कॉलेजों को बंद करने पर निर्णय लेगी। नियमानुसार तीन से पांच वर्ष तक 30 फीसदी से कम सीटों पर दाखिले वाले कॉलेजों को बंद करने का प्रावधान है।
16 हजार 236 सीटें और 5521 विद्यार्थी
कॉमेड-के नहीं भर सका सीटें
बेंगलूरु. प्रदेश के 60 इंजीनियरिंग कॉलेजों के स्नातक पाठ्यक्रमों में इस बार कुल 30 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है। हैरत की बात तो यह है कि 60 में 30 कॉलेजों की एक सीट भी नहीं भरी जबकि अन्य 30 कॉलेजों में एक-एक विद्यार्थियों ने दाखिला लिया। सभी कॉलेज कॉमेड-के के अंतर्गत आते हैं। इस बार कॉमेड-के के तहत उपलब्ध इंजीनियरिंग की कुल 16,236 सीटों में से 5,521 सीटों पर ही दाखिला हुआ। स्थानीय जांच समिति जांच कर कारण पता लगाएगी।
विश्वेश्वरय्या प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (वीटीयू) को रिपोर्ट सौंपेगी। सभी कॉलेज वीटीयू से संबद्ध हैं। वीटीयू के कुलसचिव प्रो. जगन्नाथ रेड्डी ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेंगे। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) इन कॉलेजों को बंद करने पर निर्णय लेगी। नियमानुसार तीन से पांच वर्ष तक 30 फीसदी से कम सीटों पर दाखिले वाले कॉलेजों को बंद करने का प्रावधान है।