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बैंगलोर

डेढ़ घंटे देरी से शुरू हुई नम्मा मेट्रो की सेवा

ट्रैक पर पेड़ गिरने से ठप रहा परिचालन

बैंगलोरAug 23, 2018 / 09:48 pm

Rajendra Vyas

Namma Metro

डेढ़ घंटे देरी से शुरू हुई नम्मा मेट्रो की सेवा

बेंगलूरु. यलचनहल्ली और आरवी रोड के बीच तीसरे मेट्रो लाइन पर पेड़ गिर जाने के कारण नम्मा ग्रीन मेट्रो की सेवाएं सुबह 5 बजे से सुबह 6.30 बजे के बीच लगभग 90 मिनट तक बाधित रही।
बेंगलूरु मेट्रो रेल निगम के अधिकारियों के मुताबिक जयनगर और लालबाग मेट्रो स्टेशन के बीच तीसरे लाइन पर पेड़ गिरने से यह बाधा आई। तीसरे लाइन से मेट्रो ट्रेन परिचालन के लिए 750 वोल्ट बिजली की आपूर्ति होती है। तीसरे लाइन से पेड़ हटाए जाने और सुरक्षा मंजूरी मिलने के बाद ही मेट्रो परिचालन सुचारु हुआ। बीएमआरसीएल के निदेशक अजय सेठ ने बताया कि सुबह में रखरखाव कार्य हुए और मेट्रो लाइन से सटे पेड़ों की छंटाई की गई। इससे सेवाओं पर असर पड़ा और कुछ देर तक मेट्रो का परिचालन नहीं हुआ। लेकिन, इससे तीसरे लाइन को कोई क्षति नहीं पहुंची है। उन्होंने कहा कि पहले ट्रैक पर गिरे पेड़ों को छांटकर अलग किया गया और उसके बाद ट्रैक की ओर झुकी अन्य पेड़ों की शाखाओं की भी छंटाई की गई। इसमें समय लगा और मेट्रो थोड़े विलंब से चली।
मेट्रो अधिकारियों ने बताया कि किसी भी ट्रैक पेड़ों की छंटाई और शाखाओं के गिरने से नहीं टूटा है। उसमें कहीं कोई दरार नहीं आई है। राहत की बात यह रही कि बकरीद होने के कारण बुधवार को मेट्रो यात्रियों की संख्या कम थी और मेट्रो परिचालन शनिवार के टाइम-टेबल के हिसाब से हुआ। गौरतलब है कि यह दूसरा मौका है जब इन दो मेट्रो स्टेशनों के बीच परिचालन ठप हुआ। इससे पहले फरवरी महीने में यलचनहल्ली के पास ट्रैक में दरार आने से सेवाएं रोकी गई थीं।
60 इंजीनियरिंग कॉलेजों पर बंदी का खतरा
16 हजार 236 सीटें और 5521 विद्यार्थी
कॉमेड-के नहीं भर सका सीटें
बेंगलूरु. प्रदेश के 60 इंजीनियरिंग कॉलेजों के स्नातक पाठ्यक्रमों में इस बार कुल 30 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है। हैरत की बात तो यह है कि 60 में 30 कॉलेजों की एक सीट भी नहीं भरी जबकि अन्य 30 कॉलेजों में एक-एक विद्यार्थियों ने दाखिला लिया। सभी कॉलेज कॉमेड-के के अंतर्गत आते हैं। इस बार कॉमेड-के के तहत उपलब्ध इंजीनियरिंग की कुल 16,236 सीटों में से 5,521 सीटों पर ही दाखिला हुआ। स्थानीय जांच समिति जांच कर कारण पता लगाएगी।
विश्वेश्वरय्या प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (वीटीयू) को रिपोर्ट सौंपेगी। सभी कॉलेज वीटीयू से संबद्ध हैं। वीटीयू के कुलसचिव प्रो. जगन्नाथ रेड्डी ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेंगे। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) इन कॉलेजों को बंद करने पर निर्णय लेगी। नियमानुसार तीन से पांच वर्ष तक 30 फीसदी से कम सीटों पर दाखिले वाले कॉलेजों को बंद करने का प्रावधान है।

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