अब बेेहिचक करें मदद
सड़क दुर्घटना में किसी घायल व्यक्ति की मदद करने के लिए लोग इसलिए कतराते थे कि उन्हें पुलिस की
बेलगावी।सड़क दुर्घटना में किसी घायल व्यक्ति की मदद करने के लिए लोग इसलिए कतराते थे कि उन्हें पुलिस की पूछताछ और कानूनी प्रक्रिया में अदालत के चक्कर लगाने पड़ेंगे। मगर अब प्रदेश सरकार ने बुधवार को एक विधेयक पारित कराया है जिसके तहत अब सड़क घटना में घायलों को चिकित्सा के लिए अस्पताल तक ले जाने वालों को किसी पूछताछ या कानूनी प्रकिया से नहीं गुजरना पड़ेगा।
विधि एवं संसदीय मामले मंत्री टी.बी. जयचंद्रा ने बुधवार को विधानसभा में एक विधेयक पेश किया, जिसको सदन में ध्वनिमत से पारित किया गया। जिसके तहत लोग सड़क दुर्घटना के घायलों को पुलिस का इंतजार किए बगैर स्वयं ही अस्पताल पहुंचा सकते हैं, ऐसे व्यक्ति को जांच के नाम पर पुलिस परेशान नहीं करेगी। इसके अलावा ऐसे घायल की चिकित्सा करने वाले चिकित्सक तथा अस्पताल के अन्य कर्मियों भी पूछताछ से छूट मिलेगी। सड़क दुर्घटना के बाद घायलों को तुरंत चिकित्सा मिलने से उसकी जान बचाई जा सकती है। ऐसी चिकित्सा में कानूनी प्रक्रिया बाधक साबित हो रही थी, इसलिए यह संशोधन लाया गया है।
अब स्वप्रेरणा से कोई भी व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायलों को अस्पताल पहुंचा सकता है। ऐसे व्यक्ति को मामले की जांच की कानूनी प्रक्रिया से दूर रखा जाएगा। अस्पतालों को भी सूचित किया गया है कि ऐसे मामलों में पुलिस की प्राथमिकी आदि प्रक्रिया का इंतजार न करते हुए घायलों को तुरंत चिकित्सा मुहैया करें।
ऐसी चिकित्सा देनेवालों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं होगा। इसके अलावा कर्नाटक भू-सुधार (संशोधित) विधेयक 2016 तथा कर्नाटक आबकारी विधेयक (संशोधित) 2016 को भी सदन में ध्वनिमत से पारित किया गया।
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