दरअसल, महेंद्रजीत सिंह मालवीय के बीजेपी के शामिल होने के बाद बागीदौरा विधानसभा सीट का गणित पूरी तरह से बदल गया है। ये सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन सियासी जानकारों की मानें तो इस बार बीजेपी यहां अपनी जीत का खाता खोलने में कामयाब हो सकती है। हालांकि, यह तो साफ है कि बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस की जगह इस बार बाप पार्टी से होने वाला है।
इधर, बीजेपी भी जल्द ही अपने प्रत्याशी का ऐलान करने वाली है। बागीदौरा के चुनाव लड़ने के लिए महेंद्रजीत सिंह मालवीया की पत्नी रेशम मालवीया सहित खेमराज गरासिया, लक्ष्मण गरासिया व बीजेपी पूर्व प्रत्याशी कृष्णा कटारा रेस में है। हालांकि, अंतिम फैसला तो पार्टी आलाकमान ही करेगा।
बागीदौरा उपचुनाव के लिए भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने जयकृष्ण पटेल को फिर से चुनावी रण में उतारा है। बता दे कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में जयकृष्ण पटेल दूसरे नंबर पर रहे थे। ऐसे में बाप ने उन पर फिर से विश्वास जताते हुए उपचुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है।
महेंद्रजीत सिंह मालवीया की बीजेपी में एंट्री से कांग्रेस कमजोर पड़ गई है। क्योंकि मालवीया के साथ ही क्षेत्र के कई प्रधान, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, ब्लॉक अध्यक्ष व मंडल अध्यक्ष बीजेपी में शामिल हो गए थे। ऐसे में कांग्रेस के लिए अपना गढ़ बचाना बड़ी चुनौती है।
राजस्थान में 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर महेंद्रजीत सिंह मालवीया विधायक चुने गए थे। लेकिन, कुछ दिनों पहले ही वो विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी में शामिल हो गए। इस कारण बागीदौरा पर फिर से चुनाव हो रहे है। 26 अप्रैल को बागीदौरा विधानसभा के लिए चुनाव होंगे और 4 जून को मतगणना व परिणाम घोषित होगा। बीजेपी ने महेंद्रजीत सिंह मालवीया को बांसवाड़ा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है।
राजस्थान की इस लोकसभा सीट पर रहा कांग्रेस का दबदबा, 12 दफा कांग्रेस ने जीत की दर्ज , लेकिन 3 बार से मिल रही हार
बागीदौरा विधानसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है। यहां कांग्रेस ने 11 बार जीत दर्ज की है। वहीं, जनता दल को तीन बार जीत मिली है। लेकिन, बीजेपी को यहां कभी भी जीत नहीं मिली है। कांग्रेस को इस सीट पर साल 1951, 1957, 1962, 1967, 1972, 1980, 1985, 1980, 1985, 2008, 2013, 2018 और 2023 में जीत मिली थी। वहीं, जनता दल को 1990, 1993 और 1998 के विधानसभा चुनाव जीत मिली। कांग्रेस के टिकट पर महेंद्रजीत सिंह मालवीया साल 2008 से 2023 तक लगातार जीतते आ रहे है। लेकिन, अब उनके बीजेपी में शामिल होने के बाद यहां कांग्रेस के लिए अपना गढ़ बचाना बड़ी चुनौती माना जा रहा है।