यों उठा मामला
घाटोल क्षेत्र के बोदला निवासी देवली पत्नी प्रभु राणा ने पिछले दिनों बड़ी पड़ाल निवासी जयेंद्र पुत्र मोहनलाल सुथार और ठीकरिया चंद्रावत निवासी शांति पुत्र रामेंग कटारा के खिलाफ पुलिस को परिवाद दिया। इसमें बताया कि श्रम विभाग से पंजीकृत उसके पिता की मौत पर उत्तराधिकारी होने से उसके खाते में 16 फरवरी,2021 को एक लाख रुपए सरकार की ओर से जमा हुए। इसके दो दिन बाद शांति घर आया और यह कहकर उसे घाटोल ले गया कि तेरे पिता के रुपए नहीं आए हैं, इसके लिए कागजात लेकर फोटो खिंचवाने चलना है। आरोपी पीहर का और पहचान का होने से वह साथ चली गई तो आगे बैंक के पास जयेश खड़ा मिला। फिर दोनों उसे बैंक और ई-मित्र के पास ले गए और औपचारिकता के नाम पर टुकड़ों में 45 हजार निकालने के बाद कहा कि आज काम नहीं हुआ, कल फिर आना पड़ेगा। इसके बाद अगले दिन फिर ले जाकर उन्होंने 25 हजार रुपए और निकाल लिए। इस धोखाधड़ी पर देवली ने दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।
सहायक आयुक्त पर यह लगाए आरोप
पीडि़ता ने मामले को लेकर श्रम मंत्री एवं आयुक्त को भी परिवाद भेजा। इसमें बताया कि उसकी ओर से पुलिस को रिपोर्ट देने पर उसे वापस लेने के लिए सहायक श्रम आयुक्त बांसवाड़ा शिवदयाल सोलंकी ने दबाव बनाया। फिर भी रिपोर्ट वापस नहीं ली तो सोलंकी ने 8 मार्च,2021 को उसका बैंक खाता ही बंद करवा दिया। देवली ने सहायक श्रम आयुक्त पर कमीशन लेकर क्षेत्र के 11 अपात्र लोगों को योजना में राशि स्वीकृत करने का आरोप लगाते हुए उनका ब्यौरा दिया। साथ ही दावा किया कि विभाग में नवंबर,2020 से मार्च 2021 तक सौ से ज्यादा आवेदनों पर कमीशन लेकर निर्णय किए गए। मामले में देवली ने जांच करवाकर कार्रवाई का आग्रह किया।
इनका कहना है…
देवली का परिवाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय से प्राप्त हुआ था। मामले में दो जनों पर धोखाधड़ी का आरोप है। इस पर मिले निर्देश पर पुलिस की जांच जारी है।
-चेलसिंह थानाधिकारी खमेरा
-शिवदयाल सोलंकी, सहायक श्रम आयुक्त बांसवाड़ा