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मंडी में लहसुन की बम्पर आवक, भावों में आई भारी तेजी

Mandi News : कृषि उपज मंडी में पांच दिनों से लहसुन के प्रवेश पर रोक के बाद सोमवार सुबह पांच बजे से प्रवेश को लेकर रविवार को दोपहर से ही ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लम्बी कतारें लग गई।

बारांApr 29, 2024 / 05:05 pm

Omprakash Dhaka

Agricultural produce market Garlic Market Huge Rise in Prices Bumper Arrival of garlic in the Market

बारां. कृषि उपज मंडी स्थित लहसुन मंडी में रविवार को बिक्री के लिए लाए गए लहसुन के ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लगी कतारें। इस दौरान यातायात भी जाम हुआ, किसानों को भी परेशान होना पड़ा। पत्रिका

Mandi News : कृषि उपज मंडी में पांच दिनों से लहसुन के प्रवेश पर रोक के बाद सोमवार सुबह पांच बजे से प्रवेश को लेकर रविवार को दोपहर से ही ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लम्बी कतारें लग गई। इसके चलते मंडी के पिछले प्रवेशद्वार से मेलखेड़ी तिराहे तक कतारें लग गई।
कृषि उपज मंडी स्थित लहसुन मंडी में दो दिनों का अवकाश आ जाने के कारण सत्यम समेत दो आरसीसी शेड में पहले ही करीब 19 हजार कट्टे लहसुन बिक्री के लिए पड़ा हुआ है। वहीं शेड नंबर एक, चार तथा शिवम शेड करीब खाली हो चुके हैं। वहीं सोमवार को करीब 12 हजार कट्टे लहसुन की और आवक हो जाएगी।

प्रतिदिन 8 से 10 हजार का ही हो रहा उठाव

लहसुन मंडी में प्रतिदिन 8 से दस हजार कट्टे ही लहसुन की नीलामी तथा उठाव हो पा रहा है। लहसुन व्यापार संघ के अध्यक्ष जगदीश बंसल ने बताया कि वर्तमान में साउथ क्वालिटी माल करीब 10 फीसदी ही आ रहा हैं। जबकि सामान्य क्वालिटी माल यूपी, बिहार, बंगाल, असम, दिल्ली तथा जयपुर की खरीद में जा रहा है।

भावों में तेजी बरकरार

मंडी में बंद बाजार के भावों में खुलतेे बाजार की उमीद हैं। जहां पर बॉक्स क्वालिटी माल 23 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा हैं। वही लॉटरी माल के भाव 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक हैं। वही एवरेज माल 11 से 14 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक हैं।

10 मई तक रहेगा प्रेशर

लहसुन व्यापारियों का मानना हैं कि मंडी में 10 मई अक्षय तृतीया तक ही आवक का प्रेशर बना रहेगा। किसानों को शादी विवाह तथा अन्य खर्चो के लिए रुपयों की जरूरत होती है। लहसुन को अधिक समय तक घरों में स्टोरेज करके नहीं रखा जा सकता है।

खराब होने का डर

इस बार बरसात के डर से तथा अच्छे भाव पाने के लिए किसानों ने ज्यादातर लहसुन अधपका ही निकाल लिया था, जो पूरी तरह से सूख भी नहीं पाया। इस कारण ऐसा लहसुन व्यापारियों द्वारा भी समय रोक पाना मुश्किल होता हैं। ऐसा माल जल्द ही सेन्टेट होने का भय बना रहता है।

यह रहा था कारण

लहसुन की फसल निकालने के दौरान से पूर्व फरवरी माह में 45 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक भाव पहुंच गए थें। जिस कारण भी कई किसानों ने अच्छे भाव पाने के चक्कर में अधपका लहसुन ही निकाल लिया था। लेकिन नए लहसुन की आवक बढऩे के साथ ही भावों में गिरावट आ गई थी। कृषि मंडी सचिव मनोज मीना ने बताया कि सोमवार को गेहूं समेत अन्य समस्त जिन्सों की नीलामी की जाएगी। हालांकि मंडी में लहसुन के साथ ही गेहूं की भी करीब एक लाख कट्टे तक आवक होने की उमीद है।

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