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बारां

गंगरार के रोजनामचे में नाम नहीं, फिर भी पहुंच गए थे गिरफ्तार करने

चित्तौडग़ढ़ व बारां जिले के दो थानों की पुलिस ने मिलीभगत करते हुए हरनावदाशाहजी थाना क्षेत्र के खडिय़ा गांव निवासी फूलचन्द के परिवार से राठौड़ी में रुपए पैसे ऐंठने का पूरा प्रयास किया था, लेकिन एसीबी की कार्रवाई होने से इसका भंडाफोड हो गया।

बारांMar 25, 2019 / 10:53 am

Dilip

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Case of Harvandashashaji Police Station

बारां. चित्तौडग़ढ़ व बारां जिले के दो थानों की पुलिस ने मिलीभगत करते हुए हरनावदाशाहजी थाना क्षेत्र के खडिय़ा गांव निवासी फूलचन्द के परिवार से राठौड़ी में रुपए पैसे ऐंठने का पूरा प्रयास किया था, लेकिन एसीबी की कार्रवाई होने से इसका भंडाफोड हो गया। मामला उजागर हुआ तो चित्तौडगढ़ जिला पुलिस भी सतर्क हो गई। अब वहां के पुलिस अधीक्षक ने प्रकरण के जांच अधिकारी को बदल कर जांच पुलिस उपाधीक्षक अशोक बुटोलिया को सौंप दी है। इसके बाद उपाधीक्षक बुटोलिया रविवार शाम को हरनावदाशाहजी पहुंचे। अब वह पूरे प्रकरण की नए सिरे से जांच शुरू करेंगे। वहीं बारां एसीबी ने हरनावदाशाहजी व गंगरार थाना के रोजनामचा की कॉपी मंगवा ली है।
रोजनामचा उगल रहा सच्चाई
टीम ने गंगरार थाने के रोजनामचे में हरनावदाशाहजी खडिय़ा गांव एवं यहां आने के कारण का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया। लौटने पर यहां की गई तलाशी आदि की जानकारी भी रोजनामचे में नहीं दी। इसी तरह हरनावदाशाहजी थाने के रोजनामचे में भी खडिय़ा जाना बताया, लेकिन वहां फूलचन्द के घर जाने, उसकी तलाश करने आदि का जिक्र नहीं किया गया। वहीं यहां जाप्ता मदद लेने के लिए दिए गए प्रार्थना-पत्र में भी गोलमोल किया गया। एसीबी सूत्रों ने बताया कि गंगरार थाना पुलिस ने नरेश की फूलचन्द से मिलीभगत मानी तो रोजनामचा में आमद रवानगी विवरण में फूलचन्द का नाम क्यों नहीं लिखा गया।
इस आधार पर पहुंचे दुबारा
सूत्रों के अनुसार चित्तौडगढ़ जिले के गंगरार थाने पर वर्ष 2018 में मुकदमा नम्बर 157/18 एनडीपीएस की धारा 8/15 में दर्ज है। इस प्रकरण में छीपाबड़ौद थाना क्षेत्र के बोरखेड़ी गांव निवासी नरेश मीणा वांछित था। इस पर 16 मार्च को गंगरार थाना पुलिस की दो सदस्यीय टीम छीपाबड़ौद से आरोपी नरेश मीणा को ले गई थी। बाद में नरेश ने पूछताछ में फूलचन्द मीणा द्वारा उसकी मदद करना बताया था। इसी आधार पर 20 मार्च को गंगरार थाना की टीम दुबारा पहुंची। इस टीम में पूर्व के दो सदस्यों के अलावा एएसआई देवीलाल भी शामिल थे। जबकि प्रावधानों के तहत एनडीपीएस प्रकरण की तफ्तीश सब इंस्पेक्टर स्तर का कर अधिकारी सकता है।
इस प्रकरण की जांच उन्हें सौंपी गई है। पुलिस अधीक्षक के आदेशानुसार हरनावदाशाहजी पहुंचकर जांच शुरू कर दी गई है।
अशोक बुटोलिया, पुलिस उपाधीक्षक, चित्तौडग़ढ़
गंगरार व हरनावदाशाहजी थाना पुलिस ने रोजनामचा में खडिय़ा गांव व फूलचन्द के आरोपी होने तथा उसकी तलाश करने पहुंचने आदि का जिक्र नहीं है। एसीबी कार्रवाई की भनक लगने के बाद रोजनामचा में की गई एन्ट्री को दरकिनार करते हुए स्वयं के बचाव में फर्जी दस्तावेज तैयार करना सामने आया है। इसकी कॉपी व अन्य दस्तावेज मंगवाए हैं।
ज्ञानचन्द मीणा, सीआई, एसीबी बारां

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