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पटरी पर नहीं आ रही व्यवस्था, तीसरे आदेश में अनिश्चितकाल के लिए लहसुन के प्रवेश पर रोक

कृषि उपज मंडी स्थित लहसुन मंडी में 9-10 दिनों से किसान लहसुन बिक्री का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अभी तक उनका लहसुन नहीं बिक पाया है। वहीं इस दौरान उपजे हालातों को देखते हुए मंडी प्रशासन ने लहसुन के प्रवेश की तीसरी घोषणा में अनिश्चितकाल के प्रवेश पर रोक की घोषणा कर दी हैं। मंडी में अभी भी करीब 30 हजार कट्टे लहसुन से अधिक बिक्री के लिए पड़ा हुआ है।

बारांMay 07, 2024 / 11:59 am

mukesh gour

कृषि उपज मंडी स्थित लहसुन मंडी में 9-10 दिनों से किसान लहसुन बिक्री का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अभी तक उनका लहसुन नहीं बिक पाया है। वहीं इस दौरान उपजे हालातों को देखते हुए मंडी प्रशासन ने लहसुन के प्रवेश की तीसरी घोषणा में अनिश्चितकाल के प्रवेश पर रोक की घोषणा कर दी हैं। मंडी में अभी भी करीब 30 हजार कट्टे लहसुन से अधिक बिक्री के लिए पड़ा हुआ है।

कृषि उपज मंडी स्थित लहसुन मंडी में 9-10 दिनों से किसान लहसुन बिक्री का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अभी तक उनका लहसुन नहीं बिक पाया है। वहीं इस दौरान उपजे हालातों को देखते हुए मंडी प्रशासन ने लहसुन के प्रवेश की तीसरी घोषणा में अनिश्चितकाल के प्रवेश पर रोक की घोषणा कर दी हैं। मंडी में अभी भी करीब 30 हजार कट्टे लहसुन से अधिक बिक्री के लिए पड़ा हुआ है।

बारां. कृषि उपज मंडी स्थित लहसुन मंडी में 9-10 दिनों से किसान लहसुन बिक्री का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अभी तक उनका लहसुन नहीं बिक पाया है। वहीं इस दौरान उपजे हालातों को देखते हुए मंडी प्रशासन ने लहसुन के प्रवेश की तीसरी घोषणा में अनिश्चितकाल के प्रवेश पर रोक की घोषणा कर दी हैं। मंडी में अभी भी करीब 30 हजार कट्टे लहसुन से अधिक बिक्री के लिए पड़ा हुआ है।

इस बार बारां नहीं पहुंच रहे बाहर के व्यापारी
कृषि उपज मंडी में गत दो वर्षों से बाहर के व्यापारी मंडी में नही पहुंच रहे हंै। पूर्व में यहां लहसुन की खरीदारी के लिए यूपी तथा बिहार के करीब एक दर्जन व्यापारी आते थे। लेकिन दो वर्षों से भाव में फर्क के चलते यह व्यापारी कोटा मंडी से ही खरीदारी कर रहे हंै। लहसुन व्यापर संघ के अध्यक्ष जगदीश बंसल ने बताया कि कोटा मंडी से बारां मंडी में करीब एक से डेढ़ हजार रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल का फर्क रहता है। यहां माल उंचा बिकने के कारण बाहर के व्यापारियों का रुझान नहीं है। कृषि मंडी सचिव मनोज मीना ने बताया कि 28 अप्रेल शाम को ही लहसुन की बम्पर आवक होने के कारण पूर्व में 5 अप्रेल तक के लिए प्रवेश पर रोक के आदेश जारी किए गए हैं। उसके बाद स्थिति को देखते हुए 8 अप्रेल तक के आदेश जारी किए थे। लेकिन वर्तमान हालातों को देखते हुए सोमवार को मंडी में अनिश्चितकाल के लिए लहसुन के प्रवेश पर रोक लगानी पड़ी है। जो कि अग्रिम आदेश तक जारी रहेगी।

चार शेड भरे हुए
कृषि मंडी में गत 28 अप्रेल को लहसुन की बम्पर आवक हो गई थी। इसके चलते लहसुन के प्रवेश पर मंडी प्रशासन ने रोक लगा दी थी। करीब 80 हजार कट्टे लहसुन की आवक हो जाने के कारण सभी आठों शेड लहसुन से भर गए थे। शुरुआत में करीब 8 हजार कट्टे लहसुन का बिक्री रोजाना हो रही थी। लेकिन अब बिक्री भी कमजोर पड़ गई है। इसके चलते मंडी में सोमवार को भी करीब पांच हजार कट्टे लहसुन की ही बिकवाली हुई। मंडी में करीब चार शेड में माल अभी भी पड़ा हुआ है।

बेस्ट की ही डिमांड
बाहरी लेवाली बेस्ट क्वालिटी के चलते हल्के माल की डिमाण्ड नाममात्र की ही हो रही है। जिसके चलते भी खरीदारी कमजोर पड़ गई है। बेस्ट क्वालिटी का लहसुन महज 15 से 20 प्रतिशत ही है। जिसकी डिमाण्ड बाहरी बनी हुई है। जिसके चलते कई किसान 9 से 10 दिनों से लहसुन की बिकवाली का इंतजार कर रहे हंै।

होने लगी चोरी
मंडी में कई किसानों का शेड से माल चोरी होने लगा है। अब तक करीब तीन-चार घटनाएं हो चुकी है। लम्बे समय तक लहसुन की बिक्री इंतजार को लेकर किसान मंडी में सुबह शाम ही अपने कट्टों की देखरेख करने आते हैं। ऐसे में चोरी की घटनाएं भी होने लगी हंै। अभी भी व्यापारी नहीं बता पा रहे हंै। वर्तमान माल के बिक्री उठाव में कितना समय और लगेगा।

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