
CG Leopard: 2 तेंदुओं की मौत, एक को किसी ने दे दिया जहर और दूसरे को लग गई लूजंगल जानवरों के लिए सुरक्षित नहीं है। पखवाडे़ भर में दो तेंदुए की मौत ने वन विभाग की नींद उड़ा दी है। घटना के बाद वन विभाग सतर्क हो गया है और जंगली जानवरों की सुरक्षा को लेकर आवश्यक कदम उठाने की बात कह रहा है।
सोमवार को लू लगने से बीमार तेंदुए की मौत (CG Leopard) हो गई। वन विभाग की ओर से बताया गया कि जिस समय बीमार तेंदुआ को इलाज के लिए पकड़ा गया था उस समय उसके शरीर का टेम्प्रेचर 108 डिग्री था। जबकि सामान्यता तेंदुए के शरीर का तापमान 101 डिग्री के आसपास रहता है। मृत्यु का कारण तेंदुए को प्यास से लू लगना बताया गया है।
इस क्षेत्र में तेंदुए या अन्य जंगली जानवरों को पानी उपलब्ध कराने के लिए हर 10 वर्ग किलोमीटर के दायरी में एक जल स्त्रोत उपलब्ध कराने की बात वन विभाग की ओर से कहा गया है। विभाग ने बताया है कि जिस स्थान में घटना हुई है वहां एक छोटा तालाब भी है, जिसमें तेंदुए के पैर (CG Leopard) के निशान हैं। संभावना है कि तेंदुए ने इस तालाब में पानी पीया होगा लेकिन पहले ही उसे गर्मी लगी होगी। चूंकि बीमार तेंदुए की उम्र महज 4 साल थी इसलिए लू ने उस पर ज्यादा असर डाला और उसकी मौत हो गई।
गौरतलब है कि 15 मई को शिकारियों ने एक तेंदुए की जान ले ली थी। पखवाड़े भर में तेंदुए की मौत की यह दूसरी घटना है। तब वन विभाग की ओर से बताया गया था कि 15 मई की सुबह 11 बजे पाली विकासखंड के ग्राम चैतमा के राहा में तेंदुआ मृत मिला था। उसके शरीर से 6 नाखून, दो दांत और पीठ की चमड़ी और पूंछ का एक हिस्सा गायब था। वन विभाग ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।
इसमें गोविंद सिंह उसका पुत्र लाल सिंह निवासी भवरदा लाफा के अलावा उनका एक रिश्तेदार रामप्रसाद सिंह भी शामिल था जो पसान क्षेत्र के सिरमिना का रहने वाला था। इस मामले की जांच वन विभाग की टीम केस दर्ज कर कर रही है लेकिन अभी तक तेंदुए (CG Leopard) के अंग बरामद नहीं हुए हैं। इसकी पतासाजी के लिए वन विभाग की ओर से संबंधितों पर 10 हजार रुपए इनाम रखा गया है।
विभाग की ओर से बताया गया है कि सूचना देने वालों का नाम गुप्त रखा जाएगा, लेकिन पखवाड़े भर बाद भी वन विभाग को किसी ने तेंदुए के बारे में जानकारी नहीं दी है। इस तेंदुए (CG Leopard) को एक बछड़ा के शरीर पर जहर छिड़ककर मारा गया था। जहरीला मांस खाने के बाद तेंदुए की मौत हुई थी। तब वन विभाग की ओर से बताया गया था कि तेंदुए के हमले में बछड़ा मारा गया था। इससे नाराज होकर आरोपियों ने बछड़े के शरीर पर जहर छिड़का दिया था। बछड़े का मांस खाने के बाद तेंदुआ की मौत हो गई थी।
गर्मी के दिन में जंगली जानवर (CG Leopard) प्यासे न रहे, इसके लिए कोरबा और कटघोरा वनमंडल में बड़े पैमाने पर एनिकट बनाए गए हैं। कई जगह बरसाती नालों को बोरी में पत्थर व रेत डालकर रोका गया है। कुछ तालाब भी बनाए गए हैं लेकिन मई के महीने में जब तापमान 41 डिग्री को पार गया है तब जल स्त्रोत सूखने लगे हैं। एनिकट खाली हैं। उक्त तस्वीर कॉफी प्वाइंट के करीब दूधीटांगर में बनाए गए एक एनिकट का है जहां एक बूंद पानी नहीं है जबकि इस क्षेत्र में कई दुर्लभ जंगली जानवर रहते हैं। कोरबा वनमंडल में बनाए गए अन्य एनिकट का भी हाल दूधीटांगर जैसा ही है।
Updated on:
29 May 2024 10:22 am
Published on:
28 May 2024 07:21 pm
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