कटघोरा वनमंडल में जंगली जीवों की संख्या कोरबा वनमंडल की तरह ही है। दोनों वनमंडल में रहने वाले जानवारों पर शिकारियों की नजर है। अलग-अलग समय पर कई जानवर संदिग्ध परिस्थितियों में मारे जाते रहे हैं। तेंदुए की मौत ने वन विभाग की चिंता बढ़ा दी है। विभाग ने इस मामले में तीन लोगाें गिरफ्तार किया है। ग्राम भौरदा लाफा निवासी गोविंद सिंह, पुत्र लाल सिंह और लाल सिंह का ससुर राम प्रसाद शामिल है।
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वन विभाग ने जहर देकर तेंदुए को मारने के आरोप में तीनों को गिरफ्तार किया है। लेकिन पकडे़ गए आरेापियों के पास से तेंदुए के अंग नहीं मिल हैं। वन विभाग के लिए आरोपियों को कोर्ट में दोषी साबित करना वर्तमान सबूतों के आधार पर बेहद मुश्किल काम है। इसे देखते हुए वन विभाग ने अब तेंदुए के गायब अंग के बारे में जानकारी जुटा रहा है। ताकि अंगों को बरामद कर मामले में और पुख्ता प्रमाण कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके।
दो साल पहले करंट से हुई थी हाथी की मौत
दो साल पहले विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के ग्राम लालपुर में करंट लगने से एक हाथी की मौत हो गई थी। मामले में पुलिस ने आधा दर्जन ग्रामीणों को गिरफ्तार किया था। उन पर जंगल में करंट बिछाकर हाथी को मारने का आरोप लगा था। मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था और कोर्ट में पेश किया था। सुनवाई के दौरान वन विभाग आरोपियों के खिलाफ सबूत पेश करने में नाकाम रहा था। इसके बाद कोर्ट से आरोपियों को जमानत मिल गई थी। इसके बाद भी वन विभाग की टीम ने जंगली जानवरों की सुरक्षा को लेकर कोई बड़ी पहल नहीं की है।
इस संबंध में ग्रामीणों को जाकरूक करना भी जरूरी नहीं समझा। उसका असर दूसरी बार यह हुआ कि ग्रामीणों ने जहर देकर एक तेंदुए को मार दिया। इसके पहले कोरबा और कटघोरा वनमंडल में कई बार जंगली जानवर सुअर के शिकार का मामला भी सामने आया है। लेकिन अधिकतर मामले में शिकारियों को अभी तक सजा नहीं हुई है। इससे वन विभाग की कार्रवाई और जांच सवालों के घेरे में रही है। जंगली जानवरों की हत्या या शिकार के मामले में आनन-फानन में गिरफ्तारियों कर लेता है। लेकिन सबूत नहीं जुटा पाता है।