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राजस्थान की इस विधानसभा सीट पर टेलर और विधायक के बीच है मुकाबला, किसका पलड़ा है भारी?

Baran-atru Vidhan Sabha Chunav 2023: बारां-अटरू विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने जहां पुराने चेहरे पर ही दांव लगाया है तो भाजपा ने इस बार नए उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा है। जानिए किसका पलड़ा है भारी-

बारांNov 17, 2023 / 02:56 pm

Santosh Trivedi

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Baran-atru Vidhan Sabha Chunav 2023: बारां-अटरू विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने जहां पुराने चेहरे पर ही दांव लगाया है तो भाजपा ने इस बार नए उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने इस सीट से लगातार चौथी बार पानाचंद मेघवाल पर भरोसा किया है, इससे पहले वे दो चुनाव जीत चुके हैं।

भाजपा ने पहले जिला प्रमुख रही सारिका सिंह को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन दस्तावेजी अड़चन आने से उन्हें नामांकन नहीं कराया था तथा उनके स्थान पर टेलरिंग का कार्य करने वाले पार्टी के सामान्य कार्यकर्ता राधेश्याम बैरवा से अन्तिम समय में नामांकन दाखिल कराया है। इस विधानसभा क्षेत्र से 11 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस व भाजपा उम्मीदवारों के बीच ही है। यह बारां जिला मुख्यालय की सीट होने से खास है तथा यहां की राजनीतिक हवा अन्य सीटों को भी प्रभावित करती है।


वर्ष 2018 में कुल मतदाता -172402
वर्ष 2045 में कुल मतदाता -240932


पिछली बार इतने मिले मत
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 86986 मत मिले थे, जबकि भाजपा उम्मीदवार बाबूलाल वर्मा को 74738 मत मिले थे। तब मेघवाल 12248 मतों के अन्तर से चुनाव जीते थे।


उम्मीदवारों के तीन वादे


कांग्रेस
-बारां शहर का महानगरों जैसा विकास व सौन्दर्यीकरण
-परवन सिंचाई परियोजना का कार्य प्राथमिकता से पूरा कराना
-बारां के अलावा अटरू व कवाई कस्बों का सर्वांगीण विकास


भाजपा
-परवन सिंचाई परियोजना के लिए पर्याप्त बजट दिला कार्य पूरा कराना
-बारां शहर को बाढ़ से बचाने के लिए डायवर्जन चैनल का निर्माण पूरा कराना
-क्षेत्र के सभी गांव व कस्बों में बुनियादी जरूरतों को पूर्ति कराना


बड़े मुद्दे
-बारां जिला मुख्यालय को शहर जैसे स्वरूप में विकसित कर, शहरी क्षेत्र में परिवहन के साधन बढ़ाना
-बरसों से लम्बित अमृत योजना के सभी कार्य पूरा कर बारां शहर में शामिल 11 गांवों में घर-घर पेयजल पहुंचाना
-अटरू व कवाई में चिकित्सा तंत्र को सुदृढ़ कर क्षेत्र के लोगों को सहज उपचार उपलब्ध कराना
-बारां शहर के बाजारोें को अतिक्रमणमुक्त कर शहर में कई जगह पार्किंग स्थल विकसित करना


मतदाता बोले
बारां-अटरू विधानसभा क्षेत्र जिला मुख्यालय की सीट होने से महत्वपूर्ण है। बारां शहर को तीन दशक से विकास के सपने दिखाए जा रहे हैं, लेकिन किसी भी दल का जनप्रतिनिधि शहर व विधानसभा क्षेत्र की तस्वीर व तकदीर संवारने में रुचि नहीं लेता। यहां कानून व्यवस्था भी बड़ा मुद्दा है।
-हरिमोहन बंसल, थोक व्यापारी


इस विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा का दौर जिला बनने के बाद से लगातार जारी है। जिला मुख्यालय से सटे गांवों में आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, हालांकि कई काम हुए भी हैं। पिछले एक साल से बारां-अटरू क्षेत्र में कानून व्यवस्था बड़ा मुद्दा बन गई है।
-महेन्द्र कुमार, निवासी बटावदा


बदलता रहता है मतदाता का मिजाज
बारां अटरू विधानसभा क्षेत्र का मिजाज 2008 में हुए परिसीमन के बाद व इससे पहले बदलता रहा है। यहां 2008 में कांग्रेस के पानाचंद मेघवाल चुनाव जीते थे तो 2013 में मतदाताओं ने भाजपा के रामपाल मेघवाल को विधानसभा में भेज दिया। लेकिन 2018 में फिर से मतदाताओं ने कांग्रेस उम्मीदवार पानाचंद मेघवाल को जिता दिया।

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