यह भी पढ़ें यूपी में 200 दलित समाज के परिवारों ने दी धर्म परिवर्तन की चेतावनी, ये है वजह एक घंटा की शाखा डॉ. मोहन भागवत दो दिन के लिए बरेली आए थे। इसमें बृज प्रांत के संगठन श्रेणी के कार्यकर्ताओं को बुलाया गया। इनमें प्रचारक, संघचालक, कार्यवाह आदि थे। इसी बैठक में सरसंघचालक ने कहा कि संघ का विस्तार हुआ है। अब संघ सबको दिखाई देता है। इसका कारण है जागरण श्रेणी का कार्य बढ़ना। सार्वजनिक कार्यक्रम हो रहे हैं, इस कारण संघ दिखाई दे रहा है। इसके चलते शाखा कार्य ढीला पड़ गया है। शाखा पर पूरा ध्यान दें। संगठन श्रेणी के कार्यकर्ताओं को यह देखना है कि एक घंटा की शाखा पर सभी कार्यक्रम हो रहे हैं या नहीं। शारीरिक के साथ-साथ बौद्धिक भी शाखा पर हो। शाखा पर क्या होना है, यह पहले से निर्धारित है। शाखा पर आने वाले स्वयंसेवकों की संख्या भी बढ़ाई जानी है। हालांकि यह पहले से तय है कि कौन सा कार्यकर्ता क्या काम काम करेगा, लेकिन कहीं न कहीं घालमेल हो रहा है। कार्यवाह को संगठन और जागरण, दोनों श्रेणी के कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय स्थापित करना है।
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क्या है शाखा संघ की शाखा एक घंटा की होती है। इसी शाखा में हिन्दुत्व और देशप्रेम के संस्कार दिए जाते हैं। संघ क्या है, यह समझ में आता है। जागरण श्रेणी का कार्य बढ़ने के कारण शाखा को मजबूत करने की ओर रुझान कम हो रहा है। शाखाओं पर लाने के लिए कार्यकर्ताओं से पहले की तरह आग्रह नहीं है। पहले की तरह लगातार प्रयास भी नहीं किया जा रहा है। अब इस ओर ध्यान दिया जाना है।
क्या है शाखा संघ की शाखा एक घंटा की होती है। इसी शाखा में हिन्दुत्व और देशप्रेम के संस्कार दिए जाते हैं। संघ क्या है, यह समझ में आता है। जागरण श्रेणी का कार्य बढ़ने के कारण शाखा को मजबूत करने की ओर रुझान कम हो रहा है। शाखाओं पर लाने के लिए कार्यकर्ताओं से पहले की तरह आग्रह नहीं है। पहले की तरह लगातार प्रयास भी नहीं किया जा रहा है। अब इस ओर ध्यान दिया जाना है।
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संगठन श्रेणी के कार्य शारीरिक, बौद्धिक और व्यवस्था जागरण श्रेणी के कार्य प्रचार, सेवा और संपर्क
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