सीमावर्ती बिजावल गांव निवासी गोपाल शुरू से पढ़ाई में सामान्य था। उसका परिवार सामान्य है। वह लम्बे समय से क्षत्रिय युवक संघ से जुड़ा हुआ था। यहां तनाश्रय में रहते हुए निजी हॉस्टल में नौकरी के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटा था। हंसमुख और मिलनसार गोपाल के परिजन व दोस्त समझ भी नहीं पा रहे हैं कि आखिर आत्महत्या करने की नौबत क्यों आई? पुलिस को अंदेशा है कि वह डिप्रेशन में था।
क्षत्रिय युवक संघ से जुड़ा होने से उसे संघ के कार्यक्रमों की जिम्मेदारी सौंपी जाती थी। क्षत्रिय युवक संघ के तृतीय संघ प्रमुख नारायण सिंह रेड़ा की 78 वीं जयंती समारोह सोमवार को स्थानीय मल्लीनाथ छात्रावास में प्रस्तावित है। इसकी सूचना उसने वाट्सएप ग्रुप पर सुबह भेजी। उससे पहले अपने कई मित्रों को कॉल कर समारोह में भाग लेने के लिए न्योता भी दिया।
आत्महत्या की सूचना पर ग्रामीण थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को मोर्चरी पहुंचाया। फि र ग्रामीण थाना पुलिस ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि हमारा क्षेत्राधिकार नहीं है, यह मामला सदर पुलिस का है। इधर सदर थाना पुलिस अड़ गई कि यह ग्रामीण का क्षेत्र है। दोनों थानों के बीच क्षेत्राधिकार के असमंजस के चलते देर रात तक मामले की जांच शुरू नहीं हो पाई।