डोटासरा के पीएम से सीधे सवाल
डोटासरा ने सभा में प्रधानमंत्री मोदी से सीधे चार सवाल पूछे- 1. ट्रंप की मध्यस्थता की बात में कितनी सच्चाई है? कौन झूठ बोल रहा है, मोदीजी या ट्रंप? 2. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-पाक के बीच मध्यस्थता क्यों की? क्या यह भारत की विदेश नीति की कमजोरी का संकेत नहीं है? 3. पहलगाम में मारे गए 26 निर्दोष नागरिकों का हिसाब क्यों नहीं दिया गया?
4. सेना के पीछे छुपकर राजनीतिक फायदे क्यों लिए जा रहे हैं?
सेना पर गर्व, पर सवाल सरकार से हैं- डोटासरा
डोटासरा ने साफ किया कि कांग्रेस सेना का सम्मान करती है और हर मोर्चे पर उनके साथ खड़ी है, लेकिन सवाल सरकार से हैं। उन्होंने कहा कि हम सेना के पराक्रम को सलाम करते हैं- बालाकोट हो या ऑपरेशन सिंदूर। लेकिन यह सरकार का अधिकार नहीं कि वह सेना की वीरता को चुनावी मंच बना ले। सेना के शौर्य को अपना राजनीतिक विज्ञापन बना देना, ये राष्ट्रहित नहीं, स्वार्थ है।
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मोदीजी को आदत हो गई है कि जब भी चुनाव आता है, सेना की वीरता के पीछे छुप जाते हैं। कभी बालाकोट तो कभी ऑपरेशन सिंदूर को अपनी उपलब्धि बताकर वोट मांगते हैं, जबकि ये काम सेना ने किया है, सरकार ने नहीं।
सीजफायर क्यों हुआ, देश को बताओ- डोटासरा
डोटासरा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान का हवाला देते हुए कहा कि ट्रंप ने सीजफायर की बात कैसे की? अगर बातचीत चल रही थी, तो देश को क्यों नहीं बताया गया? किसके कहने पर युद्धविराम हुआ? मोदीजी को देश के नागरिकों को जवाब देना चाहिए। कार्यक्रम में डोटासरा ने सभा के नाम का भी महत्व बताया कि जय हिंद का नारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने दिया था। इसका मतलब है- भारत की जय, भारतीयों की जय, सेना की जय। आज हम उसी भावना से सेना को सलाम कर रहे हैं।
टीकाराम जूली ने भी साधा निशाना
वहीं, राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा के मंत्री, सांसद और डिप्टी सीएम सेना के बारे में कैसी बातें कर रहे हैं। जूली ने कहा कि पाकिस्तान से आतंकवादी भारत की सीमा में घुसकर पहलगाम और पुलवामा तक कैसे पहुंच गए? वे मारकर चले गए, लेकिन सरकार चुप है। क्या सेना पीएम के सामने नतमस्तक है? जूली ने सरकार पर सेना के हाथ बांधने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार आतंकवाद पर सख्त कार्रवाई नहीं चाहती। पहले अग्निवीर योजना लाकर सेना के साथ भेदभाव किया। हरियाणा और राजस्थान के लिए अलग-अलग पैकेज क्यों? सेना की वर्दी में फोटो खिंचाने से कुछ नहीं होगा। 56 इंच के सीने का दावा खोखला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर चल रहे तंज का जिक्र करते हुए कहा कि आजकल लोग कह रहे हैं- अरे नरेंद्र, झुकना नहीं था।
जूली ने पीएम मोदी पर विदेश नीति में कमजोरी का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने चीन के सामने नहीं झुककर अरुणाचल को देश का हिस्सा बनाया। लेकिन पीएम मोदी ने 89 देशों की यात्राएं कीं, फिर भी आतंकवाद के खिलाफ एक भी देश हमारे साथ नहीं खड़ा। उल्टे पाकिस्तान के साथ चीन, तुर्किए और अजरबैजान खड़े हैं। उन्होंने सीजफायर पर सवाल उठाते हुए कहा कि सेना पीओके में कार्रवाई को तैयार थी, लेकिन फैसला मोदीजी ने नहीं, ट्रम्प ने लिया। मोदीजी वर्दी में फोटो लगाकर युद्ध खुद लड़ने का ढोंग कर रहे हैं।
अन्य वरिष्ठ नेता भी रहे मौजूद
सभा में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सांसद रणदीप सुरजेवाला, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता मौजूद रहे। सभी ने एक सुर में सेना की बहादुरी की सराहना की और सरकार से जवाबदेही की मांग की।