नगर के लूनी नदी के दूसरे छोर पर करीब 30 वर्ष पहले आवासन मण्डल कॉलोनी का निर्माण किया था। वर्तमान में यहां आठ सौ से अधिक परिवार निवास कर रहे हैं। इन परिवारों अभी तक मूलभूत सुविधाओं का इंतजार है।कॉलोनी के सार्वजनिक स्थानों, मोहल्लो, मार्गों में जगह-जगह बबूल की झाडिय़ां उगी हुई है। इससे लोगों को आवागमन में परेशानी होती है, वहीं इनसे पनपे मच्छरों से उनका जीना बेहाल हो गया है। मच्छरों के काटने से बीमार हुए कई जने उपचार ले रहे हंै। वहीं कॉलोनी की अधिकांश नालियां क्षतिग्रस्त व जमीदोंज हो गई है। नई नालियों का लेवल सही नहीं होने पर पानी आगे नहीं जाता है। जमा दूषित पानी की दुर्गंध व इसमें पनपे मच्छरों से रहवासियों का सुख चैन छीन गया है।
सड़कें खस्ताहाल- मार्गों की हालत भी अच्छी नहीं है। कॉलोनी में डेढ़ वर्ष पहले ठेकेदार ने ग्रेवल सड़कें बनाई थी, लेकिन इसके बाद से आज तक इन पर डामर नहीं किया। इस पर कई जगह से ग्रेवल सड़क भी उखड़ गई है। कॉलोनी में पग-पग पर हावी अव्यवस्थाओं से परेशान रहवासी अनेक बार नगर परिषद प्रशासन को समस्या से अवगत करवा चुके हैं। अधिकारी सिवाय आश्वासन के कुछ भी नहीं दे रहे हैं।
अव्यवस्थाओं का आलम- आवासन मण्डल कॉलोनी में अव्यवस्थाओं का जमावड़ा है। जगह-जगह उगी बबूल की झाडिय़ों, दूषित पानी के जमावड़े से पनपे मच्छरों से खुले में बैठना,सोना मुश्किल हो गया है। नगर परिषद कोई ध्यान नहीं दे रही है। आमजन का सुख-चैन छीन गया है।
.शैतानसिंह राजपुरोहित