scriptप्रेम से ही भगवान को प्राप्त किया जा सकता- साध्वी प्रेम बाइसा | God can be obtained only by love - Sadhvi Prem Bisas | Patrika News
बाड़मेर

प्रेम से ही भगवान को प्राप्त किया जा सकता- साध्वी प्रेम बाइसा

दूदवा में मां रूपादे मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव कका चौथा दिन

बाड़मेरApr 23, 2018 / 08:56 pm

Dilip dave

- बालोतरा क्षेत्र के दूदवा गांव में आयोजित भागवत कथा में उपस्थित श्रद्धालु।

– बालोतरा क्षेत्र के दूदवा गांव में आयोजित भागवत कथा में उपस्थित श्रद्धालु।


बालोतरा.

भगवान को भक्त से प्रिय कोई ओर वस्तु नहीं होती है। भगवान भक्त के अधीन होते हैं। वे भक्त की पुकार पर दौड़े आते हैं। बाल साध्वी प्रेम बाइसा ने गांव दूदवा में मां रुपादे मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर आयोजित भागवत कथा का वाचन करते हुए यह बात कही। कथा में क्षेत्र भर से हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि भगवान भक्त के अधीन होते हैं। भगवान प्रेम के भूखे होते हैं। प्रेम से ही भगवान को प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए सदैव भगवान से प्रेम करें। भक्त की पुकार पर भगवान मदद को दौड़े आते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने प्रेम के वश में हस्तिापुर के युवराज दुर्योधन का भोजन त्याग कर विदूर के घर केले के छिलके खाए थे। युद्ध में अर्जुन का सारथी बनकर उनका रथ हांका था। मित्रता में कोई छोटा व बड़ा नहीं होता है। मित्रता में सभी दोस्त एक समान होते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने गरीब ब्राह्मण सुदामा से मित्रता निभाकर संसार को यह सीख दी है। इस पर सच्चे प्रेम से ही भगवान को पाया जा सकता है।संसार में ईश्वर नाम ही सत्य है। शेष सभी कुछ नश्वर है। इस पर मोह व माया से दूर रहे। ैनिक जीवन में से कुछ समय निकाल कर ईश्वर नाम का स्मरण करें। ऐसा करने से परिवार में कभी कष्ट नहीं आते। सुख समृद्धि निवास करती है। ऐसा करके ही भवसागर को पार किया जा सकता है। कथा वाचक के भजनों से मंत्रमुग्ध श्रद्धालुओं ने नृत्य किया। जयकारे लगाए। इस अवसर पर भूराराम जांणी, अमराराम बेनीवाल, कुंभाराम जांणी, सुरताराम, खंगाराराम सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन व श्रद्धालु मौजूद थे।
श्रीयादे मंदिर में बही भजनों की सरिता, मनाया वार्षिकोत्सव

– जसोल में मारू प्रजापति समाज 28 खेड़ा के तत्वावधान में कार्यक्रम

जसोल. कस्बे में मारू प्रजापति समाज 28 खेड़ा की ओर से श्री श्रीयादे माता मंदिर का 15वां वार्षिक उत्सव धूमधाम से मनाया गया। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
भजन गायक अशोक प्रजापत ने गणपति व गुरु वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने श्रीयादे माता भजनों की प्रस्तुतियां दी। समदड़ी बगीची संत नरसिंग दास, दिनेशभारती के सान्निध्य में आयोजित जागरण में मुख्य अतिथि के रूप में राजस्व मंत्री अमराराम चौधरी ने शिरकत की। लाभार्थियों ने बोलियों में बढ़चढ़ कर भाग लिया। आयोजित यज्ञ में देवगिरी व पं. भागीरथ अवस्थी के मंत्रोच्चार पर श्रद्धालुओं ने आहुतियां दी। इसके बाद सुबह 11 बजे गाजे-बाजे से कलश यात्रा निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। श्रद्धालु भजनों पर जयकारे लगाते व नृत्य करते हुए चल रहे थे। मुख्य मार्गों से गुजरती हुई शोभायात्रा मंदिर पहुंच विसर्जित हुई। यहां लाभार्थियों ने मंदिर शिखर पर ध्वजा चढ़ाई। इसके बाद आयोजित कार्यक्रम में समाज के मेघावी छात्रों को सम्मानित किया गया। लाभार्थी पुखराज पुत्र मुल्तानमल भोभरिया ने महाआरती उतार महाप्रसादी का भोग लगाया। चम्पालाल छापरवाल, छगनलाल गेदर, चम्पालाल बालोदिया, मांगीलाल सियोटा, जगदीश नारानिया, नरपत लाडूणा, भरत घोड़ेला, ओमप्रकाश सियोटा, सोनराज माहर, खेताराम घोडेला, ओमप्रकाश मानणीया, सिरेमल भोभरिया, निर्मल बालोदिया, ताराचंद सियोटा, ओमप्रकाश निरानिया ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।

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