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बाड़मेर

सीवरेज व्यवस्था चॉक, प्रस्ताव फाइल पर लॉक

नाहटा अस्पताल में दुर्गंध के बीच इलाज को मजबूर मरीज

बाड़मेरMar 14, 2018 / 06:29 pm

Dilip dave

नाहटा अस्पताल

नाहटा अस्पताल

बालोतरा. नगर के राजकीय नाहटा चिकित्सालय की बदहाल सीवरेज व्यवस्था सुधार के लिए एक वर्ष पहले चिकित्सालय को सीवरेज लाइन से जोडऩे के लिए 36 लाख रुपए का भेजा प्रस्ताव आज दिन तक स्वीकृत नहीं किया गया है। इस पर बदहाल सीवरेज व्यवस्था पर दुर्गंध भरे माहौल को लेकर हर दिन चिकित्साकार्मियों व भर्ती मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती है। सरकार के सीवरेज व्यवस्था सुधार को लेकर गंभीर नहीं होने पर इनमें रोष व्याप्त है।
नगर का राजकीय नाहटा चिकित्सालय, जिले का दूसरा बड़ा सरकारी चिकित्सालय है। उपखंड बालोतरा, सिवाना के चार सौ से अधिक गांवोंं के ग्रामीण उपचार व ऑपरेशन के लिए नाहटा चिकित्सालय पहुंचते हैं। सामान्य दिनों में 400 से 450 मरीज उपचार के लिए आते तो 40-45 मरीज भर्ती होते हैं। यहां बनने शौचालयों की 30 वर्ष से अधिक पुरानी गटर लाइन व गटर धंसने के साथ चॉक हैं। सफाईकर्मियों के सफाई करने के बावजूद ये दुर्गंध मारते हैं। इस पर इनके उपयोग करने को लेकर चिकित्साकार्मिकों व मरीजों को अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। लेकिन मजबूरी में ये इनका उपयोग करते हैं।
फाइलों में कैद प्रस्ताव,कार्मिक व मरीज परेशान- प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी नगर परिषद क्षेत्र के चिकित्सालयों को सीवरेज लाइन से जोडऩे को लेकर योजना तैयार की थी। स्वायत्त शासन विभाग के निर्देश पर नगर परिषद ने एक वर्ष से अधिक समय पूर्व राजकीय नाहटा चिकित्सालय को सीवरेज लाइन से जोडऩे को लेकर 36 लाख रुपए का प्रस्ताव तैयार कर इसे भिजवाया। 26 नवम्बर को राजकीय नाहटा चिकित्सालय निरीक्षण पर आई अतिरिक्त सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को चिकित्सालय प्रशासन ने समस्या से अवगत करवाते हुए भेजे प्रस्ताव को स्वीकृत करवाने की मांग की। इन्होंने शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन इसके बाद के तीन माह से अधिक समय बीच चुका है। आज दिन तक प्रस्ताव स्वीकृत नहीं किया गया है। इस पर
व्यवस्था सुधार की जरूरत- चिकित्सालय के शौचालयों की नियमित रुप से सफाई की जाती है, बावजूद ये हर समय दुर्गंध मारते हैं। मजबूरी में इनका उपयोग करते हैं। सरकार व्यवस्था में सुधार करें। – पतासी देवी, मरीज
सीवरेज व्यवस्था बदहाल- चिकित्सालय की सीवरेज व्यवस्था बुरी तरह से बदहाल है। दुर्गंध पर दम घुटता है। कई मरीज स्वस्थ होने की बजाय अस्वस्थ हो जाते हैं। सरकार बेहतर व्यवस्था करें। – सायरा देवी, मरीज
सरकार कर रही उपेक्षाञ नाहटा चिकित्सालय की सीवरेज व्यवस्था वर्षों से बदहाल है। नाममात्र राशि का प्रस्ताव एक वर्ष तक स्वीकृत नहीं होना, दुर्भाग्यपूर्ण है। स्वच्छ वातावरण के लिए सरकार सुधार कार्य करवाएं। – अर्जुनदास संत
एक वर्ष पहले भिजवाया प्रस्ताव, स्वीकृत नहीं- चिकित्सालय को सीवरेज से जोडऩे के लिए करीब एक वर्ष पूर्व प्रस्ताव भिजवाया था। कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया। स्वीकृत नहीं हुआ है। – डॉ. बलराजसिंह पंवार प्रमुख चिकित्सा अधिकारी नाहटा चिकित्सालय
12- बालोतरा. राजकीय नाहटा चिकित्सालय।

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