पिछले साल हुए टिड्डी हमलों में इरान, इथोपिया,पाकिस्तान पार करते हुए टिड्डी दल भारत पहुंचा था लेकिन इस बार टिड्डी दल हर देश में पहले से ही पहुंचकर लार्वा यानि फका दे चुका है। लाखों की संख्या में पैदा होने वाले इस फाका को अब वहीं से ही उडऩा है जहां मौजूद है। बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर में फाका बड़ी संख्या में तैयार होने की आशंका है।
मौसम हो रहा है अनुकूल
टिड्डी के लिए बारिश और नमी का मौसम होने से अनुकूलता होगी। पाकिस्तान के सिंध और नगरपारकर में इन दिनों बड़ी संख्या में टिड्डी दल है जो सीधा बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगगानगर से देश में हमला बोलने की स्थिति है।
वादे खूब, नियंत्रण नाकाफी
– टिड्डी नियंत्रण को इंग्लैण्ड से विशेष हैलीकाफ्टर की खरीद कोरोना की वजह से रुकी
– ड्रोन से छिड़काव महज औपचारिकता बना हुआ है, नियंत्रण में नहीं हो रही है मदद
– टिड्डी विभाग अभी भी संसाधनों को लेकर परेशान, पर्याप्त गाडिय़ां नहीं
– कृषि पर्यवेक्षक के पद खाली होने से कृषि विभाग की लाचारगी बढ़ी
केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी से बात
पत्रिका- टिड्डी नियंत्रण को लेकर क्या प्रयास किए जा रहे है?
कैलाश- टिड्डी नियंत्रण को लेकर इंग्लैण्ड से खरीदा गया विशेष हैलीकाफ्टर दिल्ली पहुंच गया है। मंगलवार को इस हैलीकाफ्टर को बाड़मेर-जैसलमेर के लिए रवाना कर दिया जाएगा। विशेष मशीनें भी भेजी जा रही है। जरूरत हुई तो और हैलीकाफ्टर मंगवा लिया जाएगा।
पत्रिका- इस विशेष हैलीकाफ्टर में क्या होगा?
कैलाश- इसमें एक टैंकर है जिसमें दवा रहेगी जिससे बड़े क्षेत्र में छिड़काव जल्दी से होगा और इसके साथ वाहनों से भी नियंत्रण किया जाएगा। टिड्डी पर प्रभावी नियंत्रण कम समय में होगा। यह टिड्डी पर बड़ा अटैक होगा।
पत्रिका- पाकिस्तान टिड्डी नियंत्रण को लेकर सहयोग नहीं कर रहा है?
कैलाश- पाकिस्तान छोडि़ए राजस्थान ही सहयोग नहीं कर रहा है। 14 करोड़ रुपए केन्द्र दे चुका है। अभी वाहनों की खरीद व किराए पर वाहन लेने का कार्य नहीं किया है। राज्य सरकार इसको गंभीरता से लें तो नियंत्रण कभी का हो जाता।
पत्रिका- टिड्डी का बड़ा हमला होने की जानकारी है, क्या करेंगे?
कैलाश- अब हमने पूरी तैयारी कर ली है। पूरा नियंत्रण किया जाएगा और किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी।