43000 करोड़ की रिफाइनरी बाड़मेर में स्थापित होनी है। इसकी क्षमता 9 मिलियन टन होगी। चार साल में इसका निर्माण कार्य प्रथम चरण में होगा। इस दौरान निर्माण से संबंधित कार्य को लेकर बड़ा निवेश होने से यहां के लोगों को बड़ा रोजगार मिलने के साथ ही व्यापार के कई रास्ते खुलेंगे।
क्रूड ऑयलके रिफाइन होने पर पेट्रोलियम एवं डीजल के अलावा अलग-अलग सेंटीग्रेड तापमान पर छह मुख्य प्रोडक्ट निकलेंगे इनमें से करीब 200 प्रकार के उत्पाद बनते है। जिसमें मोम, सौंदर्य प्रसाधन, कलर इंडस्ट्री, डामर, पेटकॉक, गैस, केमिकल होंगे। ये सारी इंडस्ट्री बाड़मेर रिफाइनरी केपास लगती है तो आने वाले समय मेंजोधपुर और बालोतरा के बीच इंडस्ट्री की बड़ी तस्वीर सामने होगी।
रिफाइनरी यहां करीब पांच हजार लोगों को सीधा रोजगार देगी और पेट्रो केमिकल हब लगता है तो यह प्रत्यक्ष परोक्ष एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर खुलेंगे। इतनी बड़ी संख्या में स्कील्ड और नॉन स्कील्ड रोजगार का बड़ा अवसर प्रदेश में यही होगा।
जोधपुर से पचपदरा की दूरी अभी 100 किमी है। यहां पर टू लेन हाईवे है। रिफाइनरी बाद अलग से मार्ग देने या इस हाईवे को फोर लाइन करने का पहला कार्य होगा। साथ ही जोधपुर से पचपदरा के बीच रेल का प्रस्ताव तैयार होगा। बालोतरा से पचपदरा तक ही रेल लाइन लेनी होगी। रिफाइनरी, तेल और पेट्रो केमिकल हब 33 प्रतिशत से अधिक खर्चा वहन करेंगे बाड़मेर का हवाईसेवा का सपना साकार होगा। यहां आवासीय कॉलोनियां, बंक हाऊस और होटल का कारोबार फलने फूलने लगेगा।
इस कार्य दौरान सीएसआर यानि जन हितार्थ कार्याें में स्कूल, चिकित्सालय, आंगनबाड़ी, जरुरतमंदों की मदद, चौराहों का विकास, स्वच्छता, सामाजिक कार्याें में भागीदारी के लिए एक पूरी टीम कार्य करेगी। यह टीम न केवल पचपदरा बल्कि इसके आसपास के इलाके में कार्य करेगी। ये छोटे-छोटे संबल यहां के आम लोगों की बड़ी मदद जैसे होंगे।
रिफाइनरी के इस प्रोजेक्ट में पूर्व के एमओयू में एक बड़ा अस्पताल और स्कूल शामिल किया गया था। यह कार्य इस बार भी होता है तो चिकित्सा को लेकर जोधपुर से पहले पचपदरा के पास के इलाके में यह सुविधा होगी। जो कि जनसेवा का बड़ा कार्य होगा।
बालोतरा को जिला बनाने की मांग भी अब पूरी होने की संभावना बलवती है। रिफाइनरी के कार्याें के लिए बाड़मेर से प्रशासनिक अधिकारियों का बार-बार आना और सुरक्षा अधिकरियों का भी बाड़मेर जोधपुर से आकर मॉनीटरिंग करना परेशानीभरा होगा। बालोतरा को जिला बनाने की मुख्य वजह भी यही कारण अब बनेगा।
– 2005 व 2006 में भाग्यम् और एेश्वर्या दो बड़े तेल क्षेत्र – 2006 में ही विश्व की सबसे बड़ी हिटिंग पाइप लाइन बिछी
– 2009 में बाड़मेर से तेल उत्पादन मंगला ऑयल फील्ड पर तात्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने शुरू किया
– 2013 में एेश्वर्या ऑयल फील्ड से भी तेल का उत्पादन शुरू हुआ – 2013 में बाड़मेर के पास लीलाला में रिफाइनरी लगाने का हुआ तय लेकिन यहां किसानों के विरोध के चलते रिफाइनरी का स्थान बदलकर किया गया सांभरा पचपदरा
– 2014 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया पचपदरा में रिफाइनरी का शिलान्यास
– 2017 में किया गया नया एमओयू और 43000 करोड़ से रिफाइनरी बनाने की घोषणाा की
– 200 तेल कुओं से हो रहा है उत्पादन
– 2020 तक तेल अन्वेषण लाइसेंस हाल ही में हुआ है जारी – बाड़मेर के साथ अब जैसलमेर में भी युद्ध स्तर पर होगी तेल खोज
रिफाइनरी स्थल को लेकर तैयारियां
– 10 किमी दूर है पचपदरा से शिलान्यास स्थल – 5 लाख की भीड़ प्रधानमंत्री की रैली में जुटाने की तैयारी
– 30 हजार वाहन लगे है प्रधानमंत्री की रैली में लाने के लिए
– 1.5 किलोमीटर की परिधि में लगेगा पांडाल – 4 होंगे पार्र्किंग स्थलों पर खड़े रहेगे वाहन
– 5 हैलीपैड का हुआ है निर्माण
– वीवीआईपी के लिए बनेंग पांच सेफ रूम – दर्जनों ग्रेलव सड़क का निर्माण
– आठ डामर सड़कों का हाथों हाथ निर्माण – 15 लाख लीटर पेयजल रहेगा उपलब्ध