तस्करी के अलग-अलग तरीके
हेरोइन की खेप भारत में पहुंचाने के लिए तस्कर कई तरीके अपनाते हैं। एक मामले में तस्करों ने पेड़ के पास गड्ढा खोद हेरोइन के पैकेट दबा दिए। वहीं एक अन्य केस में तस्कर पाक की तरफ से तारबंदी के पास हेरोइन के पैकेट रखकर भाग गए।
सीमा पर पंजाब के ड्रग्स माफिया सक्रिय
वर्ष 2021 में भारत-पाक बॉर्डर पर कार्रवाई में दो पंजाबी तस्कर बीएसएफ के हत्थे चढ़े थे। देश की पश्चिमी सरहद शांत मानी जाती रही है। ऐसे में पंजाब के ड्रग्स माफिया को यहां जड़ें जमाने की मनमाफिक जगह मिल गई। इसी तरह पिछले साल भी पाक से आई खेप में पंजाब के एक बड़े तस्कर की भूमिका सामने आई थी। बीएसएफ और पुलिस इन पर लगातार कार्रवाई करती रहती है। रेव पार्टियों में खपती है नशे की खेप
जानकारों का मानना है कि
बाड़मेर में हेरोइन का नशा प्रचलन में नहीं है। ऐेसे में तस्कर बड़ी खेप अन्य राज्यों को भेजते हैं। बाड़मेर, जैसलमेर और श्रीगंगानगर से जुड़े तस्करों के तार खासकर पंजाब से जुड़े हैं, जहां पर हेरोइन खपाई जाती है। वहीं, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश तक भी तस्कर हेरोइन पहुंचाते हैं। अन्य राज्यों में जाने वाली खेप रेव पार्टियों में नशेड़ियों तक पहुंचाई जाती है।
पिछले साल पकड़े बड़े मामले
- मई 2023 मुनाबाव इलाके में बीएसएफ ने करीब 11 करोड़ रुपए की हेरोइन बरामद की। इस दौरान दो घुसपैठियों को मार गिराया। घुसपैठिए तारबंदी पार कर भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास कर रहे थे।
- जुलाई 2023 बीएसएफ ने एनसीबी और पुलिस के साथ सर्च ऑपरेशन शुरू किया। हीरों का तला इलाके में एक पेड़ के पास जमीन में छुपाए हेरोइन के 11 पैकेट बरामद किए। जिसकी अनुमानित कीमत 55 करोड़ रुपए आंकी गई।
- दिसम्बर 2023 बॉर्डर के केलनोर इलाके में सीमापार से आया तस्कर तारबंदी के पास खेप को रखकर भाग गया। बीएसएफ ने पैरों के निशान देख तलाशी की तो तारबंदी के पास पैकेट मिले जिसमें 6 किलो हेरोइन थी, जिसकी कीमत 20 करोड़ रुपए बताई गई।