साल 2006 में भारत और पाकिस्तान के बीच बाड़मेर के रास्ते से थार एक्सप्रेस के संचालन प्रारंभ हुआ। दोनों देशों की ओर से इमीग्रेशन, कस्टम और जांच के लिए रेलवे स्टेशन बनाना तय हुआ। भारत ने जीरो लाइन से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर ही समस्त सुविधायुक्त अंतरराष्ट्रीय स्तर का रेलवे स्टेशन बनाकर इंटरनेशनल नियमों की पूरी पालना की तो दूसरी ओर पाकिस्तान अपनी पर उतर आया। पाकिस्तान ने जीरो लाइन से पंद्रह मीटर की दूरी पर ही टीन-चद्दर डालकर रेलवे स्टेशन खड़ा कर दिया। बीएसएफ और खुफिया एजेंसियों की ओर से केन्द्रीय गृह मंत्रालय को अवगत करवाया गया। गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान सरकार को लिखा लेकिन उधर से कोई परवाह नहीं की गई।
त्रैमासिक बैठक : लेकिन, एेतराज धरा रहा
महानिरीक्षक स्तर की बीएसएफ एवं पाक रैंजर्स की त्रैमासिक बैठकों में भारत ने कहा कि नियमानुसार 150 मीटर की दूरी पर यह रेलवे स्टेशन होना चाहिए। स्टेशन अंतरराष्ट्रीय नियमों के विरुद्ध है। पाकिस्तान भी खोखरापार में अपना रेलवे स्टेशन बना लें और वहां से इमीग्रेशन और कस्टम जांच की जाए। लेकिन पाकिस्तान नहीं माना और मुनाबाव पोस्ट के ठीक सामने रेलवे स्टेशन बना लिया।
युद्ध में इसलिए हो सकता है घातक
मुनाबाव पोस्ट के ठीक सामने बना है पाक का रेलवे स्टेशन।
जीरो लाइन के पास ही पाकिस्तान की गाजी पोस्ट से सटा हुआ।
रेलवे स्टेशन के नाम पर पाकिस्तान ने घेर लिया बड़ी बॉर्डर पोस्ट।
पाकिस्तान के लिए साबित होगा बड़ा बंकर, छुपाए जा सकते हैं बड़े युद्धक टैंक भी यहां।