सिफारिशें लागू नहीं हुई
प्रदेश में चौदह साल पहले 28 जनवरी 2008 को प्रतापगढ़ का गठन हुआ था, इसके बाद से नया जिला नहीं बना है। 14 साल में प्रदेश की आर्थिक प्रगति, आबादी और राजस्व ढांचे का विस्तार हुआ है लेकिन जिलों की मांग को सरकार स्वीकार नहीं कर रही है। इसके लिए गठित आईएएस परमेश्वर समिति की सिफारिशें लागू नहीं की गई है।
लंबे समय से मांग
राज्य में जिलों के गठन को लेकर मांग लंबे समय से है। 2018 में आईएएस परमेश्वर समिति का गठन कर नए जिलों को लेकर विचार प्रारंभ हुआ। कमेटी के सामने 24 जिलों से करीब पचास जगह की मांग आ गई और इसको लेकर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी।
मौजूदा सरकार ने नकारा
मौजूदा सरकार से विधानसभा में इसको लेकर सवाल किया गया तो यह कहकर खारिज कर दिया था कि परमेश्वर समिति की सिफारिश में केवल अध्यक्ष परमेश्वर के ही दस्तखत है, समिति के शेष सदस्यों के नहीं है। इसलिए इसको लागू नहीं किया जा सकता है।
यहां की मांग
बाड़मेर में बालोतरा, जयपुर में सांभरलेक, शाहपुरा, फुलेरा, कोटपुतली, जोधपुर में फलौदी, अजमेर से ब्यावर, केकड़ी, मदनगंज-किशनगढ़ जिले की दावेदारी कर रहे हैं। उदयपुर से सलूंबर, खैरवाड़ा, सराड़ा, अलवर से बहरोड़, खैरथल, भिवाड़ी, नीमराना, पाली से बाली, सुमेरपुर, फालना, श्रीगंगानर के अनूपगढ़, सूरतगढ़, घड़साना, श्रीविजयनगर, चूरू से सुजानगढ़, रतनगढ़ ,नागौर के डीडवाना, कुचामन सिटी, मकराना, मेड़ता सिटी, सीकर से नीमकाथाना, फतेहपुर शेखावाटी, श्रीमाधोपुर, भरतपुर से डीग, बयाना, कामां, सवाईमाधोपुर से गंगापुरसिटी, जैसलमेर से पोकरण, बारां से छबड़ा, करौली से हिंडौनसिटी, हनुमानगढ़ से नोहर,भादरा, बीकानेर से नोखा, भीलवाड़ा से शाहपुरा, झालावाड़ से भवानीमंडी, जालोर से भीनमाल, चित्तौडग़ढ़ से रावतभाटा और कोटा के रामगंजमंडी की मांग की गई थी।
बालोतरा अब बड़ी मांग
बालोतरा की अब बड़ी मांग बनने की वजह रिफाइनरी, ओद्यौगिक हब और बड़ा निवेश है जो लगातार यहां हो रहा है।