बाड़मेर

41 साल बाद चली थी दोस्ती की रेल

1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में रेल पटरियां क्षतिग्रस्त होने के बाद इस मार्ग को बंद कर दिया गया। 18 फरवरी 2006 को 41 साल बाद थार एक्सप्रेस पुन: प्रारंभ हुई जिसे दोस्ती की रेल कहकर संबोधित किया गया।
 

बाड़मेरAug 17, 2019 / 01:40 pm

Moola Ram

was train of friendship ran after 41 years

बाड़मेर. 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में रेल पटरियां क्षतिग्रस्त होने के बाद इस मार्ग को बंद कर दिया गया। 18 फरवरी 2006 को 41 साल बाद थार एक्सप्रेस पुन: प्रारंभ हुई जिसे दोस्ती की रेल कहकर संबोधित किया गया।
Read more : थार एक्सप्रेस रद्द, नहीं जाएगी सीमा पार

14 साल में 4 लाख लोगों ने किया सफर

थार एक्सप्रेस में पहले 1000 से 1200 यात्री हर फेरे में आ रहे थे लेकिन बाद में यह औसत 800 पर आ गया। अब तक करीब 4 लाख लोग थार एक्सप्रेस से सफर कर चुके हैं।
Read more : भारत-पाक के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस को किया रद्द, रेलवे ने जारी किए आदेश

7 दिन में एक बार आती रेल

थार एक्सप्रेस शुक्रवार को पाकिस्तान के कराची से रवाना होती है जो खोखरापार जीरो लाइन रेलवे स्टेशन ( पाकिस्तान )पहुंचती है। यहां पाकिस्तान की ओर से कस्टम, वीजा, इमीग्रेशन के बाद में मुनाबाव (अंतरराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन )भ् ाारत पहुंचती है। जहां कस्टम इमीग्रेशन के बाद भगत की कोठी जोधपुर को रवाना होती है।
7 घंटे 05 मिनट का सफर

रेलवे समय सारिणी के अनुसार 7 घंटे और 05 मिनट में थार एक्सप्रेस 381 किमी सफर तय करती है। लेकिन वीजा- कस्टम की कार्यवाही की वजह से दो दिन लग जाते है।
पारिवारिक महत्व

1947 के भारत-पाक बंटवारे के बाद कई परिवार भारत में रह गए तो कई पाकिस्तान। 1965 और 1971 के युद्ध बाद भी दोनों मुल्कों से लोगों का आना-जाना हुआ। एेसे में परिवारों का बंटवारा एेसा हुआ है कि अब रोटी-बेटी का रिश्ता बना हुआ है। इन परिवारों के आपस में मिलने के लिए 41 साल बाद थार एक्सप्रेस बड़ा जरिया बनी।

Home / Barmer / 41 साल बाद चली थी दोस्ती की रेल

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.