-धारा 370 समाप्ति के बाद से ही संशय भारत सरकार की ओर से गत 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बाद से भारत-पाक की ओर से थार एक्सप्रेस के संचालन पर संशय बना हुआ था। 5 अगस्त से पहले 3 अगस्त को थार का सफलतापूर्वक फेरा हुआ था। 5 अगस्त के बाद 10 अगस्त का फेरा भी भय व संशय के माहौल में हुआ था। पाक रेलमंत्री की ओर से दिल्ली-लाहौर के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस और उसके बाद भगत की कोठी-कराची के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस का संचालन रद्द करने के बयान दिए थे। इसके बाद भी थार का संचालन हुआ था।
-भारत की थार के फेरे का अंतिम माह था थार एक्सप्रेस के संचालन करार के तहत पहले छह माह भारत और अगले छह माह पाकिस्तान की थार फेरे करती है। इसी करार के तहत भारत की थार का पाकिस्तान के जीरो प्वाइंट तक फेरे करने का अंतिम माह था। सितम्बर से फरवरी तक पाकिस्तान की थार को भारत के मुनाबाव तक फेरे करने थे। भारत की ओर से चलने वाली थार एक्सप्रेस का पाकिस्तान के लिए यह इस माह का तीसरा फेरा होने वाला था, जो रद्द कर दिया गया।
-चल रही दोस्ती की ट्रेन 1965 के युद्ध से पहले जोधपुर से कराची तक रेल संचालन होता था। युद्ध में रेल पटरियां क्षतिग्रस्त होने और दोनों देशों के बीच तनाव होने से रेलमार्ग बंद कर दिया गया। इसके 41 साल बाद 18 फरवरी, 2006को यह ट्रेन वापस शुरू की गई। इस वर्ष फरवरी-मार्च में पुलवामा आतंकी हमला व सर्जिकल स्ट्राइक के बाद तनाव के बावजूद इस ट्रेन का संचालन होता रहा। रेलवे सूत्रों के अनुसार 2006 से अब तक करीब सवा तेरह साल में करीब साढ़े चार लाख यात्रियों ने इस ट्रेन से यात्रा की है।
…………………… -एक नजर – 2006 के बाद अब तक कुल 27 फेरे इस ट्रेन के रद्द हुए – 13 साल में करीब साढ़े चार लाख यात्रियों ने इस ट्रेन से यात्रा की है
– 381 किमी का सफर तय करती है थार – 7 घंटे 05 मिनट की रेल यात्रा
………………………… ‘रेल मंत्रालय की ओर से आगामी आदेश तक थार एक्सप्रेस का संचालन रद्द कर दिया है। रेलवे के आगामी आदेश तक थार का संचालन नहीं होगा।
-गोपाल शर्मा, वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी, जोधपुर रेल मंडल