शुक्रवार यानि 16 अगस्त से भगत की कोठी उपनगरीय रेलवे स्टेशन से चलने वाली गाडी संख्या 14889/90 थार एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है। वहीं मुनावाब से पाकिस्तान के जीरो प्वाइंट तक चलने वाली गाडी संख्या 00406/05 को भी रद्द कर दिया गया है। भारत की ओर से चलने वाली थार एक्सप्रेस का पाकिस्तान के लिए यह इस माह का तीसरा फेरा होने वाला था, जो रद्द कर दिया गया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अभय शर्मा ने बताया कि रेलवे द्वारा अग्रिम आदेशों तक भगत की कोठी-मुनाबाव भगत की कोठी, जीरो प्वॉइंट थार एक्सप्रेस को किया रद्द किया गया है। बता दें कि हाल ही में कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने से बौखलाए पाकिस्तान ने थार एक्सप्रेस ट्रेन बंद कर दी थी। जिसके बाद अब भारत ने भी पाकिस्तान को जाने वाली थार एक्सप्रेस को रद्द कर दिया है।
भारत की थार के फेरे का अंतिम माह था
थार एक्सप्रेस के संचालन करार के तहत पहले 6 माह भारत और अगले छह माह पाकिस्तान की थार फेरे करती है। इसी करार के तहत भारत की थार का पाकिस्तान के जीरो प्वाइंट तक फेरे करने का अंतिम माह था। सितम्बर से फरवरी तक पाकिस्तान की थार को भारत के मुनाबाव तक फेरे करने थे। भारत की ओर से चलने वाली थार एक्सप्रेस का पाकिस्तान के लिए यह इस माह का तीसरा फेरा होने वाला था, जो रद्द कर दिया।
थार एक्सप्रेस के संचालन करार के तहत पहले 6 माह भारत और अगले छह माह पाकिस्तान की थार फेरे करती है। इसी करार के तहत भारत की थार का पाकिस्तान के जीरो प्वाइंट तक फेरे करने का अंतिम माह था। सितम्बर से फरवरी तक पाकिस्तान की थार को भारत के मुनाबाव तक फेरे करने थे। भारत की ओर से चलने वाली थार एक्सप्रेस का पाकिस्तान के लिए यह इस माह का तीसरा फेरा होने वाला था, जो रद्द कर दिया।
2006 से चल रही दोस्ती की ट्रेन
1965 के युद्ध से पहले जोधपुर से कराची तक रेल संचालन होता था। युद्ध में रेल पटरियां क्षतिग्रस्त होने और दोनों देशों के बीच तनाव होने से रेलमार्ग बंद कर दिया गया। इसके 41 साल बाद 18 फरवरी, 2006 को यह ट्रेन वापस शुरू की गई। इस वर्ष फरवरी-मार्च में पुलवामा आतंकी हमला व सर्जिकल स्ट्राइक के बाद तनाव के बावजूद इस ट्रेन का संचालन होता रहा। रेलवे सूत्रों के अनुसार 2006 से अब तक करीब सवा तेरह साल में करीब साढ़े चार लाख यात्रियों ने इस ट्रेन से यात्रा की है।
1965 के युद्ध से पहले जोधपुर से कराची तक रेल संचालन होता था। युद्ध में रेल पटरियां क्षतिग्रस्त होने और दोनों देशों के बीच तनाव होने से रेलमार्ग बंद कर दिया गया। इसके 41 साल बाद 18 फरवरी, 2006 को यह ट्रेन वापस शुरू की गई। इस वर्ष फरवरी-मार्च में पुलवामा आतंकी हमला व सर्जिकल स्ट्राइक के बाद तनाव के बावजूद इस ट्रेन का संचालन होता रहा। रेलवे सूत्रों के अनुसार 2006 से अब तक करीब सवा तेरह साल में करीब साढ़े चार लाख यात्रियों ने इस ट्रेन से यात्रा की है।