शाहपुरा के ब्लॉक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विनोद शर्मा ने बताया कि सरकारी प्रयास एवं विभाग के सहयोग से बालिका जन्मदर बढ़ा है। बालिका प्रोत्साहन के लिए विभाग की ओर से संचालित बालिका संबल योजना भी कारगर साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि शाहपुरा ब्लॉक क्षेत्र में वर्ष 2017-18 में 3 हजार 280 बालक और 3 हजार 34 बालिकाओं ने जन्म लिया था, जबकि वर्ष 2018-19 में 2 हजार 889 बालक और 2 हजार 705 बालिकाओं ने जन्म लिया। इससे साफ जाहिर है कि बालिका जन्म अनुपात में वृद्धि हुई है।(का.सं.)
शाहपुरा में लिंगानुपात 936 राजस्थान सरकार की ओर से राजश्री, जननी शिशु सुरक्षा योजना, बालिका संबल योजना और ज्योति योजना मुख्य रूप से चलाई जा रही है। इन योजनाओं से भी बालिका जन्म अनुपात पर काफी असर पड़ा है। इनसे से भी लोगों में जागरूकता आने की वजह से बालिका जन्म दर अनुपात में वृद्धि हुई है। यहां शाहपुरा में वर्ष 2017-18 में जन्मदर अनुपात 925 और वर्ष 2018-19 में 936 रहा है।
शाहपुरा रहा अव्वल तीनों तहसीलों की स्थिति देखें तो वर्ष 2018-19 में बालिका जन्मदर के मामले में शाहपुरा ब्लॉक अव्वल और विराटनगर दूसरे स्थान पर रहा, जबकि कोटपूतली में जन्मदर अनुपात बढऩे के बजाय कम हुआ है। शाहपुरा में 2 हजार 889 बालक व 2 हजार 705 बालिका, विराटनगर में 2 हजार 168 बालक व 2 हजार 27 बालिका और कोटपूतली में 4 हजार 330 बालक और 3 हजार 934 बालिकाओं का जन्म हुआ है।
बालिका जन्मदर अनुपात की दो वर्ष की तुलनात्मक रिपोर्ट ब्लॉक वर्ष 2017-18 वर्ष 2018-19 विराटनगर 931 935
शाहपुरा 925 936
कोटपूतली 934 908 (विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक) इनका कहना है-
गत सालों की तुलना में बालिका जन्म दर अनुपात में वृद्धि हुई है। भू्रण हत्या जांच पर सरकार की सख्ती, बालिका प्रोत्साहन की संचालित योजनाओं और आमजन में जागरूकता की वजह से लिंगानुपात
(Sexratio) बढ़ा है। विभाग लोगों को जागरूक करने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत है।
डॉ. विनोद शर्मा, बीसीएमएचओ, शाहपुरा