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Illegal saw machines: बिना लाइसेंस धड़ल्ले से चल रही आरा मशीनें

A quarter of the operators do not have a license एक चौथाई संचालकों के पास भी नहीं लाइसेंस

बस्सीAug 27, 2019 / 12:11 am

Teekam saini

Illegal saw machines: बिना लाइसेंस धड़ल्ले से चल रही आरा मशीनें

Illegal saw machines: बिना लाइसेंस धड़ल्ले से चल रही आरा मशीनें

कानोता (Illegal saw machines). पर्यावरण को बचाने के लिए एक ओर जहां घर-घर हरियाली का संदेश दिया जा रहा है। वहीं कानोता इलाके में दर्जनों अवैध आरा मशीनें धड़ल्ले से चल रही हैं। नियमों को ताक में रखकर इन आरा मशीनों में हरे भरे पेड़ों की बलि चढ़ाई (Tree cutting) जा रही है। आश्चर्य की बात है तो यह है कि हरियाली का पाठ पढ़ाने वाले जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर ध्यान तक नहीं हैं। पर्यावरण पर चलते कुल्हाड़ों की सब अनदेखी कर रहे हैं। नतीजतन इन पर अंकुश लगने की बजाय आए दिन अवैध आरा मशीनें (Illegal saw machines) बढ़ रही हैं।
तीन दर्जन से ज्यादा आरा मशीनें अवैध
जानकारी के अनुसार पिछले दिनों कानोता में आरा मशीन एसोसिएशन की कार्यकारिणी का गठन हुआ था। इसमें कानोता, लुनियावास, माली की कोठी, बगराना, बैनाड़ा मोड़, बस्सी और मोहनपुरा के 110 आरा मशीन संचालक शामिल हुए हैं। सूत्रों के अनुसार इनमें से 15 से 20 आरा मशीनें वन विभाग की ओर से लाइसेंसशुदा हैं। शेष दो से तीन दर्जन आरा मशीनें (Illegal saw machines) अवैध रूप से कानोता, नायला रोड, सांभरिया रोड, हरडी रोड सहित क्षेत्र में अन्य जगहों पर संचालित हैं। इनके पास न लाइसेंस (license) है और ना ही आरा मशीनें चलाने के लिए एनओसी।
2002 से लगाई गई थी रोक
जिले में अवैध आरा मशीनों की जांच के लिए वन विभाग की ओर से कई महीनों से कोई कार्रवाई नहीं हुई। सख्ती बरतते हुए उच्चतम न्यायालय (Supreme court) भी वर्ष 2002 में अवैध आरा मशीनों पर रोक के आदेश दे चुका है। उसके बाद नए लाइसेंस (license) देना तक बंद कर दिए गए हैं। इसके बावजूद भी क्षेत्र में दर्जनों अवैध आरा मशीनें नई चालू की जा चुकी हैं। जिन पर वन अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
विवरण रखना है, लेकिन जांच तक नहीं
लाइसेंसशुदा आरा मशीन संचालक को लकड़ी चीरने के दौरान वृक्ष का नाम, चिराई के बाद लकड़ी को बेचने और बचने वाली लकड़ी का विवरण रजिस्टर में अंकित करना होता है। इसके अलावा आरा मशीन परिसर में सूचना पट्ट पर मशीन के बारे में जानकारी, लकडिय़ों का स्टॉक तथा लाइसेंस रखना आवश्यक है। नियमों (rules) की धज्जियां उड़ाने वाले आरा मशीन संचालकों के खिलाफ कार्रवाई तो दूर वार्षिक जांच तक समय पर नहीं की जाती है।
पीपल, बरगद, खेजड़ी व नीम भी कट रहे
इनमें से कई संचालक बिना लाइसेंस के दो-तीन आरा मशीन चला रहे हैं। ऐसे में कुछ अवैध आरा मशीनें हाल ही में शुरू की गई हैं। क्षेत्र के लकड़ी माफियाओं के लिए यह मशीनें काफी फायदेमंद साबित हो रही हैं। मानना पड़ेगा कि इलाके में ऐसे पेड़ों की भी कटान (Tree cutting) होती है, जो हरे अथवा प्रतिबंधित हैं। इनका परमिट भी वन विभाग से नहीं मिल पाता है। जैसे पीपल, बरगद, खेजड़ी, नीम आदि पेड़ों की लकडिय़ां प्रतिबंधित होने के बावजूद काटी (Tree cutting) जा रही हैं। इन पेड़ों को काटने के बाद इनकी चिराई इन्हीं अवैध आरा मशीनों पर की जाती है। इनसे इन्हें लाइसेंस (license) रद्द होने जैसी किसी बात का डर नहीं रहता।

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