सिंचाई विभाग की बेरुखी से यह समस्या किसानों पर पिछले ४ सालों से लगातार बनी हुई है। अब किसानों की फसल बुआई का समय हो गया है लेकिन जलप्रबंधन समिति और सिंचाई विभाग द्वारा नहरें नहीं खोली जा रही हैं। ऐसे में किसानों की जमीनों में वापस पानी भरने लगा है और खेती नहीं हो पा रही है। रामसागर बांध से निकलने वाली नहरों को मरम्मत गर्मी में होती है, लेकिन उसे अब किया जा रहा है।
जल प्रबंधन समिति द्वारा चंदलाई के आसपास के एक दर्जन से अधिक गांवों में बांध का पानी नहीं छोडऩे से किसानों को बिना खेती के रहना पड़ रहा है। सिंचाई विभाग की ओर से २००८ में करीब एक करोड़ रुपए की लागत से तितरिया ग्राम पंचायत में बने बांध को भरने के लिए पाइप लाइन डाली गई थी, लेकिन नहरें नहीं खोलने से तितरिया का बांध भी खाली है। भोज्याण्ड, बृजनाथपुरा, तितरिया, आलेवास, चोसला, यारलीपुरा सहित कई आसपास के गांवों में बांध की नहरों का पानी छोड़ा जाए तो यहां के गांवों के किसानों को राहत मिल सकती है।
बांध पर बनी जलप्रबंधन समिति की आवश्यकता के अनुसार ही नहर खोली जाएगी। समिति की सुविधा के अनुसार खोल और बंद नहीं कर सकते।—प्रेमकुमार वर्मा, सहायक अभियंता सिचाई विभाग। इनका कहना है—
किसानों की मांग पर विभाग के अधिकारियों ने नहरें खोलने के लिए कहा है। उसी आधार पर खोली जाएगी।— श्योजीराम बागड़ा, अध्यक्ष, जलप्रबंधन समिति चंदलाई बांध।
विभाग के अधिकारियों से इस विषय पर बात की जाएगी।— ओमप्रकाश सहारण, एसडीएम, चाकसू