
बस्सी। कृषि उपज मण्डी में सोमवार को रबी के सीजन की नई सरसों की आवक शुरू हो गई है, जबकि अभी तक रबी के सीजन में समर्थन मूल्य पर सरसों, चना व गेहूं खरीद के लिए सरकार ने गाइड लाइन ही जारी नहीं की है।
ऐसे में जब तक सरकार समर्थन मूल्य पर इन फसलों को खरीदने की गाइडलाइन एवं तिथि निर्धारित नहीं करेगी तब तक किसानों को मण्डी या फिर स्थानीय व्यापारियों को ही सरसों की फसल बेचनी पड़ेगी। मण्डी व्यापारी विनय डंगायच ने बताया कि गुढ़ा चक निवासी मूलचंद मीना सोमवार को नई सरसों बेचने के लिए लेकर आए। व्यापारियों ने बताया कि नई सरसों पहले दिन 5151 रुपए प्रति क्विंटल बिकी। व्यापारियों ने बताया कि इस वक्त सरसों का भाव 5100 रुपए से लेकर 5600 रुपए क्विंटल चल रहा है।
कृषि मण्डी व्यापारी डंगायच ने बताया कि मण्डी में नई सरसों की आवक होने पर व्यापारियों ने किसानों, पल्लेदारों एवं व्यापारियों को गुड़ बांट मीठा मुंह करा कर शगुन मनाया। व्यापारियों ने बताया कि सीजन में जब भी नई फसल की जिंस पहले दिन आती है तो उस दिन मण्डी में गुड़ या लड्डू बांटकर मुंह मीठा कराया जाता है ताकि पूरे सीजन में व्यापारी व किसानों के यहां समृद्धि की कामना की जाती है।
जनवरी माह में तीन बार मावठ होने से सरसों एवं चने की फसल में जबरदस्त ग्रोथ हुई है। जिस किसान के खेत में मावठ नहीं होती तो एक बीघा में आठ मण सरसों की पैदावार होती उसके खेत में मावठ के बाद 15 मण बीघा की पैदावार होने की उमीद है। वहीं सरसों एवं चने की फसल में खर्चा भी कम आता है। ऐसे में इस बार किसान खुश नजर आ रहे हैं।
इस बार रबी के सीजन में सरसों ही नहीं चना, गेहूं व जौ की बम्पर पैदावार की उमीद है। इस बार खरीफ की बाजरे की कटाई व मूंगफली की खुदाई के वक्त अच्छी बरसात होने से खेतों में नमी होने से जिन किसानों के कुएं व बोरवेल में पानी नहीं था, उन्होंने भी बिना पानी वाले खेतों में सरसों व चने की बम्पर बुवाई कर दी थी। चना व सरसों की फसल में गेहूं की फसल की बजाय पानी कम लगता है। इस बार सरसों व चने की बम्पर बुवाई हुई और मण्डी में आवक भी बम्पर ही होगी।
Published on:
11 Feb 2025 03:15 pm
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