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बस्सी

स्वास्थ्य केन्द्रों के पास नहीं पर्याप्त फोगिंग मशीन

-345 गांव, 108 पंचायतें और फोगिंग मशीन 6 चालू, दो खराब-गांव-कस्बों में नहीं हो पा रही फोगिंग

बस्सीSep 19, 2019 / 05:38 pm

Kailash Chand Barala

चिकित्सा स्वास्थ्य केन्द्रों के पास नहीं पर्याप्त फोगिंग मशीन

स्वास्थ्य केन्द्रों के पास नहीं पर्याप्त फोगिंग मशीन

शाहपुरा.
मौसमी बीमारियों ने क्षेत्र में लोगों की नींद उड़ा रखी है। लोग खांसी, उल्टी व बुखार से पीडि़त है। मौसमी बीमारियों ने लोगों के शरीर को जकड़ रखा है। शाहपुरा सीएचसी में मौसमी बीमारियों का आउटडोर १५००-१६०० तक चल रहा है। अस्पताल खुलने के साथ ही सुबह व शाम को मरीजों की लम्बी कतार लग जाती है। क्षेत्र में लोगों का आरोप है कि मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढऩे के बाद भी मच्छरों से बचाव के लिए चिकित्सा विभाग के कारगार उपाय नहीं कर रहा है। यहां कोटपूतली, शाहपुरा और विराटनगर ब्लॉक में 345 गांव, 108 पंचायतें है। जिनमें फोगिंग के लिए महज छह मशीन चालू है। जबकि दो मशीन खराब पड़ी है। इधर, शाहपुरा उपखण्ड परिक्षेत्र में मनोहरपुर, शाहपुरा और अमरसर सीएचसी है। इसके अलावा १० पीएचसी और ३८ सबसेंटर है। इतना बड़ा परिक्षेत्र होने के बावजूद चिकित्सा विभाग पर्याप्त फोगिंग मशीन उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है। मशीन की उपलब्धता कम होने से समूचे क्षेत्र एवं प्रभावित इलाके में समय पर फोगिंग नहीं हो पा रही है। इससे मच्छर जनित बीमारियों से लोग परेशान है। यदि समय पर प्रभावित क्षेत्र में फोगिंग की जाए तो मच्छरों पर अंकुश लगाया जा सकता है। लोगों ने चिकित्सा विभाग से क्षेत्र में फोगिंग व दवा छिड़काव कर बीमारियों से बचाव के कारगार उपाय करने की मांग की है। (का.सं.)———अभी तक यहां हो पाई है फोगिंगजानकारी के मुताबिक अभी तक सुराणा, टोढी, छारसा, घासीपुरा, खोजावाला, राड़ावास, मनोहरपुर और बिशनगढ़ के प्रभावित इलाके में ही फोगिंग हो पाई है। इधर, नगरपालिका के वार्ड संख्या ७,९, ११, १५, १६ में भी फोगिंग हुई है। महज तीन ही मशीन होने के कारण क्षेत्र में पर्याप्त रुप से फोगिंग नहीं हो पा रही है। वर्तमान में ब्लॉक में महज तीन फोगिंग मशीन है। जिनमें भी एक मशीन तो अभी जयपुर से ठीक होकर आई है। ऐसे में महज दो मशीनों से ही काम चलाया जा रहा था। ——-दो मरीज मिल चुके है, स्क्रब टायफस से पीडि़त शाहपुरा ब्लॉक के सुराणा और टोडी गांव में दो जनों के स्क्रब टायफस होना सामने आया था। चिकित्सा विभाग की टीम ने दोनों गांवों में फोगिंग कराई। पीएचसी लेवल पर गठित रेपिड रेस्पॉन्स टीम ने क्षेत्र में बुखार से पीडि़त मरीजों की स्लाइड लेकर दवा दी। साथ ही बचाव के भी उपाय बताए। बीसीएमओ डॉ. विनोद शर्मा ने बताया कि ब्लॉक की प्रत्येक पीएचसी लेवल पर रेपिड रेस्पॉन्स टीम गठित है। जो डोर-टू-डोर सर्वें कर लोगों को मौसमी बीमारियों से बचाव के उपाय और दवा का छिड़काव कर रही है। इस सप्ताह में टीम ने १३५० मरीजों के रक्त की स्लाइडे ली है। ———–मौसमी बीमारियों के आंकड़े शाहपुरा सीएचसी में —-१५०० से १६००मनोहरपुर सीएचसी में —८०० से ९००अमरसर सीएचसी में —४०० से ५००पीएचसी स्तर पर —–२०० से ३००—————-ये बरतें सावधानीअभी खांसी, जुकाम, उल्टी, दस्त व बुखार के मरीज ज्यादा आ रहे है। खांसी, जुकाम संक्रमित बीमारी है। इसका संक्रमण ना फैले इसके लिए रुमाल काम में ले, छींक से दूरी रखें और खाने-पीने का थोड़ा परहेज रखें और समय पर दवा लें। नमी का मौसम होने के कारण मच्छर भी बढ़ रहे है। उनके काटने से बचें। ताकि मलेरिया बुखार से बचा जा सके।————- प्रभावित क्षेत्र में नियमित फोगिंग करवाई जा रही है। दवा का छिड़काव भी करवाया जा रहा है। इस सप्ताह में १३५० मरीजों के रक्त के नमूने भी लिए है। फोगिंग मशीन और उपलब्ध कराने के लिए विभागीय अधिकारियों को अवगत करवाया है। –डॉ. विनोद शर्मा, बीसीएमओ, शाहपुरा।———

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