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स्कूल छोड़कर गांव की कुंडली बनाएंगे शिक्षक, गुरुजी पर आया डबल वर्क लोड

आदेश में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को अब शैक्षणिक कार्य छोड़कर गांव की कुंडली तैयार करने में का जिम्मा सौंपा गया है। इसके अनुसार शिक्षक गांव में घूमकर यह पता करेंगे कि किस-किस ने कृषि भूमि में कौन सी फसल की बुवाई की है और कितने क्षेत्रफल में कृषि कार्य क्या किया जाता है।

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तूंगा और बस्सी ब्लॉक समेत प्रदेश में इन दिनों सरकारी स्कूलों में प्रवेश उत्सव चल रहा है। शिक्षक घर-घर जाकर शिक्षा से वंचित बच्चों को स्कूलों से जोड़ने की तैयारी कर रहे है। इसी बीच एक आदेश ने शिक्षकों की परेशानी बढ़ा बन दी है।

आदेश में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को अब शैक्षणिक कार्य छोड़कर गांव की कुंडली तैयार करने में का जिम्मा सौंपा गया है। इसके अनुसार शिक्षक गांव में घूमकर यह पता करेंगे कि किस-किस ने कृषि भूमि में कौन सी फसल की बुवाई की है और कितने क्षेत्रफल में कृषि कार्य क्या किया जाता है। शिक्षक इसके साथ-साथ बिजली पानी संबंधी डिटेल भी जुटाएंगे। मुख्यमंत्री ई ग्राम परियोजना के तहत मूलभूत सुविधाओं और सेवाओं से संबंधित एक प्रपत्र तैयार है जिसे भरवाया जाएगा। इसमें योजनाओं के लाभार्थियों, शौचालय की स्थिति, सामुदायिक भवन, पार्क, जल निकासी की सुविधा, पेयजल के स्रोत, बिजली कनेक्शन, बीमार लोगों की डिटेल सहित अन्य कार्यों का लंबा प्रपत्र है, जिसे भरवाया जाएगा। एक तरफ शिक्षा सत्र शुरू होने जा रहा है तो शिक्षकों के लिए यह समय शैक्षणिक कार्य के लिहाज से बहुत महत्व रखता है। लेकिन सरकार ने उन्हें इसी समय पर गैर शैक्षिक कार्य में लगा दिया है इससे गुरुजी पर डबल वर्कलोड आ गया है। शिक्षा अधिकारी डीएस शर्मा ने बताया मुख्यमंत्री ई-ग्राम परियोजना के तहत प्रपत्र भरने व आदेश संबंधित जानकारी जुटाने के लिए शिक्षक भी सर्वे संबंधित कार्य करेंगे।

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इनका करेंगे सर्वे

ई-ग्राम के तहत जो प्रपत्र तैयार करवाया जाएगा, उसमें विभिन्न जानकारियां जुटाना जरूरी होगी। इसमें ग्राम पंचायत की जनगणना, गांव का भौगोलिक क्षेत्रफल, मतदाताओं की स्थिति, गांव से बस ट्रेन, सड़क की सुविधा और विभिन्न स्थानों से दूरी, सहकारी समिति, ई-मित्र कियोस्क, मंडी यार्ड, शिशु जन्म रिपोर्ट, बच्चों की स्थिति, पशुओं में बीमारियां, प्रमुख फसलें व रोग की जानकारी, पशुधन, बीमारियों की स्थिति, जनाधार-आधार है या नहीं, वर्ष के दौरान मृतकों की संख्या, विवाहितों की संख्या, एक साल की आयु के बच्चों की संख्या जैसी विभिन्न प्रकार की जानकारी प्रपत्र में भरनी होगी।

प्रभावित होगा मूल काम

शिक्षक संगठनों से जुड़े़ पदाधिकारियों की माने तो शिक्षक बरसों से गैर शैक्षणिक कार्यों का विरोध करते आ रहे है। फिर भी सरकार शिक्षकों पर गैर शैक्षणिक कार्य थोप रही है। इन दिनों प्रवेश उत्सव चल रहा है। सरकार ने स्कूलों के लिए कुछ दिन पहले आदेश भी जारी कर दिया कि शिक्षकों को हाउसहोल्ड सर्वे करना होगा हर घर तक पहुंच कर प्रवेश लायक बच्चों की जानकारी जुटाएंगे और इसकी सूची शिक्षा विभाग को भेजेंगे। हालांकि प्रवेश उत्सव दो चरणों में होना है लेकिन पहले चरण प्रभावित होना चाहिए।