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UP: बस्ती में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल, छुट्टी पर रेडियोलाॅजिस्ट, निजी जांच केन्द्र माला माल

मुफ्त में होने वाली जांच के लिये खर्च करने पड़ते हैं 700 रुपये से अधिक
बस्ती जिला अस्पताल में जांच के लिये परेशान होते हैं मरीज
रेडियोलाॅजिस्ट सेंटर बंद, बाहर से करानी पड़ती है जांच

बस्तीMar 09, 2021 / 09:31 pm

रफतउद्दीन फरीद

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

बस्ती. स्वस्थ्य व्यवस्था को लेकर दावे चाहे जो भी किये जाते हों, लेकिन अक्सर ये दावे जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाते। बस्ती जिले में भी मामला कुछ इसी तरह का है। यहां अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस जिला अस्पताल होने और संसाधनों की कोई कमी न होने के बावजूद मरीज सुविधाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं और उन्हें निजी जांच केन्द्रों का सहारा लेना पड़ रहा है। कारण जांच के लिये लगी मशीनो को चलाने वाले ही नहीं हैं। नतीजतन सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में होने वाली जांचों के लिये मरीजों को निजी जांच केन्द्रों पर 600 से 700 रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। इस कमी से जहां मरीज बेहाल हैं वहीं निजी जांच केन्द्र मालामाल हो रहे हैं।

 

बस्ती जिला अस्पताल में बिल्डिंग से लेकर इलाज के लिये लगाई गई मशीनें सबकुछ शानदार और अत्याधुनिक है। इलाज की सारी सहूलियतें मौजूद हैं। पर असल में कई मशीनें ऐसी हैं जिन्हें चलाने के लिये कर्मचारी ही नहीं हैं। जिला अस्पताल में रोजाना सैकड़ों मरीज इलाज के लिये आते हैं, इनमें से कई गंभीर मरीज भी होते हैं। इन्हें परेशान तब होना पड़ता है जब इनके इलाज के लिये जांच की जरूरत पड़ती है। आरोप है कि थायराइड और अल्ट्रासाउंड जैसी जांच मशीनें लगी होने के बावजूद अस्पताल में नहीं होतीं। वजह इन्हें चलाने वाले कर्मचारी नदारद। एक्सरे मशीन भी खराब है।


यहां रोाजना करीब 250 मरीज ओपीडी में आते हैं। इनमें से कइयों को डाॅक्टर अल्ट्रासाउंड की जांच की सलाह देते हैं तो 20 से 25 मरीज थायराइड की जांच के भी होते हैं। अस्पताल आने वाले मरीजों की मानें तो उन्हें जांच कराने के लिये बाहर जाना पड़ता है। हालांकि एसआईसी डाॅ. राेचस्मती पाण्डेय दावा करती हैं कि थाॅयराइड की मशीन चलती है और जांच की जाती है। लेकिन साथ ही वो ये भी स्वीकार करती हैं कि अल्ट्रासाउंड की मशीन तो है, लेकिन उसे चलाने वाले रेडियोलाॅजिस्ट छुट्टी पर हैं।


अब इसका नतीजा ये कि मुफ्त में होने वाली अल्ट्रासाउंड की जांच के लिये मरीजों को बाहर 700 रुपये भी अधिक खर्चा करना पड जाता है। इसी तरह अगर थायराइड की जांच बाहर करानी हो तो इसके लिये तीन से पांच सौ रुपये देने पड़ते हैं।


एसआईसी डाॅ. रोचस्मती पाण्डेय ने बताया कि रेडियोलाॅजिस्ट न होने के चलते अल्ट्रासाउंड सेंटर बंद है। एक्सरे की एक मशीन में तकनीकी खामी है जिसे दूर करने के लिये संबंधित कंपनी को पत्र लिखा गया है। उन्होंने दावा किया है कि जल्द ही समस्याएं दूर कर दी जाएंगी।

By Satish Srivastava

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