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ब्यावर

रोजगार की आस में ‘सजता’ है यहां मजदूरों का बाजार’

ब्यावर में मजदूरी के लिए 30 से 40 किमी दूर से आते हैं दैनिक मजदूर

ब्यावरAug 15, 2022 / 09:44 am

Bhagwat

रोजगार की आस में ‘सजता’ है यहां मजदूरों का बाजार’

रोजगार की आस में ‘सजता’ है यहां मजदूरों का बाजार’

भगवतदयालसिंह

ब्यावर. दूरदराज के कई गांवों से सैकड़ों मजदूर प्रतिदिन मजदूरी की आशा में शहर आते हैं। यहां हर दिन मजदूरी मिलने की कोई गारंटी नहीं है। काम मिल भी जाए तो पूरी मजदूरी मिले। इसकी भी कोई सुनिश्चिता नहीं रहती। जबकि टैम्पो व टैक्सी में लटककर एवं क्षमता से अधिक बैठकर शहर आते हैं। मजदूरी नहीं मिलने पर किराया भी जेब से भरना पड़ता है। इस कारण मजदूरों के लिए बचत करना तो दूर परिवार की आजीविका चलना भी मुश्किल हो रहा है।
शहर में अलग-अलग स्थानों पर रोज मजदूर रोजगार की आस में पहुंचते हैं, जहां जिसको आवश्यकता होती है। वो मजदूरी तय कर उन्हें ले जाता है। शहर के चांगगेट, पांच बती एवं रीको में पानी की टंकी के पास प्रतिदिन मजदूर पहुंचते हैं। राजसमंद, पाली व भीलवाडा जिले के गांवों से प्रतिदिन 30 से 40 किलोमीटर की दूरी तय कर शहर में मजदूरी की आशा में आते हैं। यहां हाथ में टिफिन् लिए मजदूर बैठे मिल जाएंगे। जरूरतमंद के आने पर मजदूर अपना काम बताते हैं। मजदूरी तय होती है और मजदूर काम पर रवाना हो जाते हैं।
डेलीवेज के मजदूरों के सामने संकट

नियमित रूप से फैक्ट्ियों में काम करने वाले श्रमिकों को तो काम मिल जाता है, लेकिन दैनिक काम करने वाले श्रमिकों को काम नहीं मिलने की समस्या आती है। शहर में प्रतिदिन दैनिक मजदूरी करने वालों की अनुमानित संख्या 500 से अधिक है।
इसलिए हो रही है परेशानी

मोरवी सेरेमिक एसोशिएसन ने 15 अगस्त से 15 सितम्बर तक एक माह के लिए बंद करने का निर्णय किया है। बताया जा रहा है कि मंदी के चलते एसोसिएशन ने यह निर्णय किया है। इसके चलते शहर से मोरवी जाने वाले मिनरल पाउडर की मांग भी प्रभावित हुई है। मिनरल यूनिटों के संचालन पर भी इसका असर आया है। बरसात में माल गीला हो जाने से भी काम में गिरावट आती है।

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