पांच महीने पहले खरीदा था घोड़ा
चिचोली निवासी दिलीप राठौर ने पांच महीने पहले ही घोड़ा खरीदा था। उन्होंने इसका नाम डांसर रखा था। डांसर शादी,जन्मदिन सहित विभिन्न आयोजनों में डांस करता था। जिससे दिलीप और उसके परिवार का गुजारा हो जाया करता था। कुछ दिनों बाद ही डांसर घोड़े के शरीर में घाव होने लगे और उसमें से पस बहने लगा था। घोड़ा मालिक दिलीप ने घोड़े को बैतूल लाकर पशु चिकित्सालय में दिखाया। पशुचिकित्सक डॉ मृदुला सिन्हा को घोड़े में ग्लैडर्स बीमारी होने का शक हुआ तो उन्होंने जांच के लिए ब्लड सैंपल भोपाल भिजवाया। पंद्रह दिन बाद रिपोर्ट संदिग्ध आई तो दोबारा जांच के लिए ब्लड सैंपल हिसार हरियाणा में भेजा गया। वहां से जो जांच रिपोर्ट आई उसमें घोड़े में ग्लैडर्स बीमारी पॉजिटिव होना पाई गई।
ये भी पढ़ें- बाघिनों की लड़ाई का LIVE VIDEO, जंगल की हुकूमत के लिए सगी ‘बहनों’ में ‘जंग’
कलेक्टर के आदेश पर दिया मौत का इंजेक्शन
पशु चिकित्सालय द्वारा घोड़े को हुई ग्लैडर्स जेनेटिक बीमारी की जानकारी कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस को दी गई। चूंकि घोड़ा संक्रामक बीमारी से ग्रसित था। यह बीमारी अन्य जानवरों को हो सकती थी और इससे इंसानों में भी संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ था। जिसके बाद कलेक्टर ने घोड़े को मरफी किलिंग प्रक्रिया के तहत मौत दिए जाने के आदेश जारी किए गए।
ये भी पढ़ें- पिता से सहन नहीं हुआ गर्भवती बेटी का दर्द, गोद में उठाकर लगाई दौड़, रास्ते में हुई डिलीवरी
पीपीपी किट पहनकर लगाया मौत का इंजेक्शन
कलेक्टर के आदेश के परिपालन में गुरुवार को चिचोली में पशुचिकित्सकों की एक टीम ने पीपीपी किट पहनकर घोड़े को मरफी किलिंग प्रक्रिया (दर्द रहित मौत) के चार इंजेक्शन लगाया। घोड़ा मालिक दिलीप ने बताया कि घोड़े की मौत हो जोन के बाद उसका अंतिम संस्कार तहसीलदार नरेश सिंह राजपूत, पुलिस प्रशासन एवं नगरीय प्रशासन की मौजूदगी में किया गया। जमीन में तीन मीटर गड्ढा खोदकर घोड़े को दफनाया गया।
देखें वीडियो-