ये है पूरी घटना…
उज्जैन से करीब 50 किमी. दूर बड़नगर रोड पर पीर झालर गांव में मजदूरी करने आई एक परिवार के साथ जो हुआ वो सिस्टम की नाकामी को उजागर करने वाला है। राजस्थान के भीलगांव से राकेश और उसकी पत्नी सावित्री अपनी गर्भवती बेटी पूजा के साथ मजदूरी करने के लिए आए थे। पूजा का पति भी यहीं पर मजदूरी करता है। शुक्रवार की सुबह पूजा को प्रसव पीड़ा हुई तो उसकी मां सावित्री ने एंबुलेंस और डायल 100 को फोन किया लेकिन दोनों ही जगह से कच्ची सड़क होने के कारण इंकार कर दिया गया। परिवार किसी तरह गर्भवती बेटी को कच्चे रास्ते से लेकर रेलवे क्रॉसिंग तक पहुंचा ही था कि वहां पर पूजा ने बच्चे को जन्म दे दिया।
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बेटी को गोद में उठाकर भागा पिता
लोडिंग वाहन रेलवे क्रॉसिंग की दूसरी ओर खड़ा था और पूजा व परिवार दूसरी तरफ थे। बच्चे को जन्म देने के बाद पूजा की तबीयत बिगड़ रही थी बेटी का दर्द पिता राकेश से देखा नहीं गया और वो बेटी को गोद में उठाकर भागते हुए करीब 100 मीटर दूर रेलवे क्रॉसिंग की दूसरी तरफ लाया और लोडिंग वाहन में लिटा दिया। पीछे से परिजन नवजात को लेकर आए और तब कहीं दोनों को अस्पताल पहुंचाया जा सका। बताया जा रहा है कि नवजात बच्ची प्री-मैच्योर है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है जिसके कारण उसे उज्जैन के चरक अस्पताल रैफर किया गया है।
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