पर्यावरण संरक्षण को लेकर आगामी दिनों में पौधरोपण अभियान प्रदेश में आरंभ होगा। इसको लेकर शिक्षा विभाग को भी लक्ष्य दिया गया है। राजस्थान में शिक्षा विभाग को तीन करोड़ पौधे लगाने हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में वर्तमान में अस्सी लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, ऐसे में हर बच्चे के हिसाब से कम से कम तीन पौधे लगाने का लक्ष्य है। वहीं, जहां मिड-डे-मील बन रहा है, वहां स्कूल में किचन गार्डन लगाना अनिवार्य होगा। खेल मैदान के चारों ओर भी पौधरोपण किया जाएगा। प्रत्येक स्कूल में संस्था प्रधान एक शिक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा। इसी तरह मॉनिटरिंग पीईईओ, यूसीईओ व सीबीईओ करेंगे।
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ग्लोबलवार्मिंग के प्रभाव को कम करेगा पौधारोपण
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय नीलकमल गुर्जर का कहना है कि मनुष्य के क्रियाकलापों से प्राकृतिक असंतुलन पैदा होने के कारण हो रहे जलवायु परिवर्तन के परिणाम स्वरूप पड़ रही बेतहाशा गर्मी को दूर करने का एकमात्र उपाय अधिक से अधिक पौधारोपण करना है। इसीलिए शिक्षा विभाग को आगामी मानसून में छात्र संख्या के अनुपात में पौधारोपण का लक्ष्य प्रदान किया गया है। डीग जिले में छह लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है। लक्ष्य के अनुरूप सभी संस्था प्रधानों को आदेश की अनुपालना में पौधरोपण की तैयारी के लिए आदेशित किया गया है। जिससे प्रदेश को हरा भरा बना कर ग्लोबलवार्मिंग के प्रभाव को कम किया जा सके।
- कक्षा 1 से 5 में पढ़ने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को एक पौधा लगाना है।
- कक्षा 6-12 में पढ़ने वाले विद्यार्थी को परिवार के सदस्यों की संख्या के बराबर पौधे लगाने हैं।
- पौधों को विद्यार्थी गोद लेगा, जिसका रिकॉर्ड संधारण करना होगा।
- मिड डे मील बनने वाले विद्यालय में किचन गार्डन अनिवार्य।
- प्रत्येक आंगनबाडी में 10 पौधे लगाए जाने हैं।
- शिक्षा विभाग के प्रत्येक कार्यालय में 40-40 पौधे लगाए जाने हैं।
- पर्याप्त भूमि वाले विद्यालय परिसर के चारों ओर पौधे लगाने हैं।
- जहां चारदीवारी नहीं है, वे ग्राम पंचायत पंचायत समिति के माध्यम से नरेगा से चारदीवारी निर्माण के प्रस्ताव जिला परिषद को भिजवाएं जिसे प्राथमिकता से स्वीकृत किया जाएगा।
- जहां पर्याप्त जमीन उपलब्ध नहीं है वे ग्राम पंचायत से संपर्क कर सरकारी जमीन चिह्नित कर वहां पौधरोपण करें।
- ग्राम पंचायत के पास भी जमीन उपलब्ध न हों तो विद्यार्थी अपने घर या खेत में भी पौधारोपण कर सकेंगे।
- वन विभाग या नर्सरी की ओर से अनुदानित दर से पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे।