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भरतपुर

अब प्रतिभा की कारगुजारी से लापरवाह विभाग का किनारा

– अब दूसरी कंपनी को मिलेगा काम

भरतपुरJun 04, 2021 / 04:21 pm

Meghshyam Parashar

अब प्रतिभा की कारगुजारी से लापरवाह विभाग का किनारा

अब प्रतिभा की कारगुजारी से लापरवाह विभाग का किनारा

भरतपुर. चम्बल परियोजना के तहत सूखे कंठों को तर करने में विफल रहने पर विभाग ने प्रतिभा कंपनी से किनारा कर लिया है। अब प्रतिभा कंपनी के 226 गांवों के काम को दूसरी कंपनी को दिया जाना तय किया गया है। प्रतिभा कंपनी की लेटलतीफी का खामियाजा लोगों को पानी के लिए दर-दर भटककर चुकाना पड़ रहा है। पत्रिका में खबरें प्रकाशित होने के बाद अब विभागीय अधिकारियों ने प्रतिभा कंपनी से यह काम छीन लिया है। अब उम्मीद है कि लोगों को जल्द चम्बल का पानी नसीब हो सकेगा।
जिले के 226 गांवों में पानी पहुंचाने का काम अब तक प्रतिभा इंडस्ट्रीज के पास था, लेकिन इसका काम इतना खराब था कि प्रत्येक गांव से पानी नहीं पहुंचने की शिकायत पहुंच रही थी। इसके बाद राज्य स्तर पर गुरुवार को हुए निर्णय में कंपनी से काम छीनकर श्री हरि कंपनी को दिया गया है। इसके लिए श्री हरि कंपनी से विभाग का करार भी हो गया है। अब शेष रहे कार्य को श्री हरि कंपनी के माध्यम से कराया जाएगा। इसके लिए दूसरी कंपनी को साफ तौर पर काम दु्रत गति से करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारी भी साफ तौर पर प्रतिभा कंपनी की देरी के कारण काम को पिछडऩा मान रहे हैं। प्रतिभा ने सबलेट के रूप में केसीसी कंपनी से काम कराया था। इसके बाद जी इन्फ्रा को काम दिया गया। काम में देरी से परियोजना पिछडऩे के साथ करोड़ों रुपए का भार भी बढ़ गया। प्रतिभा के पास भरतपुर-कुम्हेर एवं रूपवास के 126 गांवों में पानी पहुंचाने का जिम्मा था, लेकिन कंपनी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सकी।
पांच साल की देरी के बाद भी काम अधूरा

चम्बल परियोजना के तहत जिले के कस्बे एवं गांवों में पानी पहुंचाने का काम टेंडर प्रक्रिया के बाद प्रतिभा इंडस्ट्रीज को वर्ष 2013 में दिया गया था, लेकिन कंपनी ने यह काम खुद नहीं कर दूसरी फर्म को दे दिया। सूत्रों ने बताया कि सरकार के स्तर पर इस काम के लिए 206 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे, लेकिन अब तक इसमें महज 45 प्रतिशत काम ही हुआ है। इस काम को पूरा करने की अविध वर्ष 2016 थी, लेकिन 2020 निकलने के बाद भी यह काम अब तक अधूरा ही है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कंपनी की लेटलतीफी पर उसे नोटिस भी दिया गया। साथ ही राशि भी रोकी गई, लेकिन काम फिर भी पूरा नहीं हो सका। तमाम मंथन के बाद अब कंपनी से काम छीना गया है।
पत्रिका ने खोली कारगुजारी की कलई

चम्बल परियोजना के तहत लोगों को पानी नहीं मिलने की खबर पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित कीं। इसके बाद विभाग हरकत में आया और लेटलतीफी के लिए कंपनी को फटकार भी लगाई। इसके बाद भी पानी नहीं मिलने पर पत्रिका ने फिर से परियोजना की हकीकत उजगार की और प्रतिभा कंपनी की कारगुजारी की कलई खोली। हाल ही में 26 मई को दावों का निकला दम, उम्मीद हुई पानी-पानी, 27 मई को मनमानी पर उतरी कंपनियां, काम में देरी पर अफसरों ने साधी चुप्पी, तथा 31 मई को ‘सियासी डुबकियों में डूबे आमजन के अरमान शीर्षक से खबर प्रकाशित कर कंपनी की खामियों को उजागर किया।
इन कंपनियों को दिया गया काम
– 97 डीग-नगर के गांवों की पेयजल योजना का काम एसटीएमएल कंपनी को 8 फरवरी 2016 को दिया गया। इस का काम 85 प्रतिशत पूर्ण होना बताया जा रह है।
– 246 कामां-पहाड़ी के गांवों का काम भी एसटीएमएल कंपनी के पास है। इस कंपनी को काम 31 अगस्त 2013 को दिया गया। इसका 50 प्रतिशत काम पूर्ण होना बताया जा रहा है।
– 226 गांवों की पेयजल योजना का काम प्रतिभा कंपनी के पास है। इस कंपनी को काम 3 अक्टूबर 2013 को दिया गया। इसका महज 45 काम होना बताया गया है।

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