मजबूरी में लिया कर्ज
सिरसाकला के टिकरापारा में रहने वाले करीब दो सौ से अधिक लोगों ने पीएम आवास योजना के तहत नगर निगम में आवेदन किया है। आवेदन करने के बाद उनको अधिकारियों व एजेंसी के लोगों ने जैसे बताया वैसे अपने कच्चे मकानों को तोड़ दिए। इसके बाद बुनियाद डालने के लिए कई लोगों ने खुदवाई का काम भी करवा लिया। जब योजना की पहली किश्त नहीं मिली तो मजबूरी में वे कर्जा लेकर काम करवाना शुरू कर दिए।
समय पर नहीं आ रहा पैसा
नगर पालिक निगम, भिलाई-चरोदा क्षेत्र में आवेदन लेकर आने वालों की संख्या बढ़ते जा रही है। इस कार्य को अंजाम दे रहे जिम्मेदार चाहते हैं कि आवेदन जो जमा कर रहा है, अगर दस्तावेज सही हैं तो उसे दस दिनों के भीतर भुगतान कर दिया जाए। दिक्कत शासन से आने वाली राशि में हो रही है। जिसकी वजह से किश्त अटक जाती है।
एएचपी योजना के तहत आए 32.89 करोड़
भिलाई-चरोदा क्षेत्र में अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (एएचपी) के तहत अब तक 32.89 करोड़ रुपए शासन से मिला है। जिसमें से सारी राशि हितग्राहियों तक पहुंचाई जा चुकी है। इसके अलावा बेनफिशीएरी लेड इंडिविजुअल हाउस कंस्ट्रक्शन, एन हैंसमेट्स (बीएलसी) योजना के तहत भिलाई-चरोदा क्षेत्र के लिए 60.13 करोड़ रुपए आए हैं। जिसमें से करीब 55.46 करोड़ रुपए हितग्राहियों के खातों में भेजे गए हैं।
इस वजह से होते हैं रिजेक्ट
निगम के अधिकारियों के मुताबिक आवेदन करने वाले हर किसी को योजना के तहत पैसा नहीं दिया जाता है। आवेदक ऐसे भी होते हैं जिनके पास जमीन के स्वामित्व संबंधी कोई प्रमाण नहीं होता। इसी तरह से कुछ घांस भूमि पर रह रहे होते हैं। इस तरह की स्थिति में उनको योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा जिस बैंक का खाता चाहिए वह नहीं होता। जिसकी वजह से कुछ देर हो जाता है। सर्वे करने के लिए जितनी टीम है वह भेजी जाती है। सारे आवेदन के सर्वे एक साथ नहीं हो पाते, जिसकी वजह से भी दिक्कत होती है.
पहले आवेदन करने वालों को मिले पहले योजना का लाभ
निर्मल कोसरे, महापौर, नगर पालिक निगम, भिलाई-चरोदा ने बताया कि मोर जमीन मोर मकान योजना के तहत जिनका आवेदन आ रहा है। उनको योजना का लाभ दिलाना हमारा लक्ष्य है। जिम्मेदार अधिकारियों से कह दिया गया है कि जो पहले आएगा उसे योजना का लाभ पहले मिलना चाहिए। आवेदन आगे पीछे करके किसी को लाभ नहीं दिलाया जाए। अधिक से अधिक लोगों के पक्के घर इस योनजा के माध्यम से बन रहे हैं।