दुर्ग एसडीआरएफ के कमांडेंट नागेंद्र सिंह ने बताया कि सुबह 9 बजे डायल 112 के जरिए सूचना मिली। अग्निशमन दल को मौके पर रवाना किया गया। टीम पहुंची और देखा तो आग कंपनी के अंदर करीब 70 मीटर तक फैल गई थी। फिर पानी से भरे दो वाहनों को रवाना किया गया। इसके साथ ही बीएसपी और जेके लक्ष्मी कंपनी की दो गाड़ियां मंगवाई गई। करीब 25 गाड़ी पानी की मदद से आग को बढ़ने से रोका गया। तब तक धातु की आग खुद बुझ गई। प्लांट के चारों तरफ गाड़ियों से पानी का छिड़काव करते रहे। इसके कारण आस पास के कारखाने प्रभावित होने से बच गए।
कमांडेट ने बताया कि कंपनी के संचालक से पूछताछ की गई। उसका कहना था कि टाइटेनियम धातु का स्क्रैप है, जिसमें आग लगी। इस धातु के आग को पानी से नहीं बुझाया जा सकता। इसके लिए टेर्नरिक यूट्रेटिक क्लोराइड पाउडर से बुझाया जा सकता है। वह पाउडर उपलब्ध नहीं था।
अमेरिका से मांगाते हैं टाइटेनियम स्क्रैप कमांडेट की पूछताछ में कंपनी संचालक ने बताया कि टाइटेनियम स्क्रैप अमेरिका से मांगाते हैं। इसे कंपनी के भट्ठी में गलाकर ठोस सिल्ली तैयार की जाती है। जिसे भिलाई स्टील प्लांट को बेचते है। बीएसपी इसका उपयोग लोहे को ठोस बनाने के लिए करता है।