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IIT Bhilai: अब एक App से संवरेगा बस्तर… स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा पर होगा विशेष ध्यान, युवाओं को देंगे ट्रेनिंग

IIT Bhilai News Today: आईआईटी भिलाई ने 40 नायक और नायिकाओं को ट्रेनिंग दी है। ये युवा अब दंतेवाड़ा जिले के गांव-गांव में जाकर महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग, चाइल्ड हेल्थ, मासिक धर्म हाइजीन जैसी सैकड़ों जानकारियां देंगे।

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मोहम्मद जावेद

IIT Bhilai News: दंतेवाड़ा जिले को स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा और पोषण के क्षेत्र में बेहतर बनाने के लिए अब वहीं के फ्रंटलाइन युवा इनफ्लुएंसर्स का काम करेंगे। इन युवाओं को नायक और नायिका नाम दिया गया है, जो गांवों में ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उनकी वेलफेयर जरूरतों का ख्याल रखेंगे। इन नायक और नायिका को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी आईआईटी भिलाई को दी गई है। प्रोग्राम का नाम है, बापी ना उवैट। इसका मतलब होता है दादी मां के नुस्खे।

इस कार्यक्रम के पहले चरण में आईआईटी भिलाई ने 40 नायक और नायिकाओं को ट्रेनिंग दी है। ये युवा अब दंतेवाड़ा जिले के गांव-गांव में जाकर महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग, चाइल्ड हेल्थ, मासिक धर्म हाइजीन जैसी सैकड़ों जानकारियां देंगे। गर्भवती की कंडीशन जानेंगे साथ ही जरूरत पडऩे पर उन्हें अस्पताल पहुंचाने में भी मदद करेंगे। दंतेवाड़ा जिले की सफलता को देखते हुए इस प्रोजेक्ट को दूसरे जिलों में भी लॉन्च किया जाएगा।

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प्रशासन को मिलेगा डेटा

अभी तक दंतेवाड़ा के गांवों में बापी यानी दादी मां हुआ करती हैं, जो महिलाओं की गर्भावस्था से लेकर बच्चों को अपने नुस्खों से ठीक करती आ रही हैं। यही काम अब क्षेत्र के युवा डिजिटल लिटरेसी और आधुनिक समझ के साथ करेंगे। अभी तक प्रशासन के पास दंतेवाड़ा जिले के हालात का कोई भी पुख्ता आंकड़ा मौजूद नहीं था, लेकिन यह समस्या अब आईआईटी भिलाई ने दूर कर दी है।

ऐसे होगा काम

आईआईटी भिलाई की मदद से एक खास मोबाइल ऐप तैयार किया है, जिसे नायक और नायिकाओं को दिया जाएगा। नायक गांवों में पहुंचकर लोगों तक वेलफेयर पहुंचाएगा और उसकी एंट्री ऐप में करेगा। ऐप के डेटा को आईआईटी एनालिसिस करके प्रशासन को भेजेगा। गुरुवार को इस ऐप का लोकार्पण दंतेवाड़ा कलेक्टर ने किया।

फिर पूरे बस्तर संभाग में आएगा

यह प्रोजेक्ट यूनीसेफ ने डिजाइन किया है, जिसको दंतेवाड़ा जिले में लागू करने के बाद बस्तर संभाग के सभी जिलों में पहुंचाने की योजना है। आईआईटी भिलाई के प्रोफेसर डॉ. संतोष बिस्वास ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए टीम ने दंतेवाड़ा जिले का दो बार दौरा किया। यहां कलेक्टर, यूनीसेफ पदाधिकारी और ग्रामीणों से चर्चा की। इसके बाद नायक और नायिकाओं का ट्रेनिंग प्रोग्राम डिजाइन किया। इन्हें ट्रेनिंग देने एक निजी अस्पताल वीवाई ने भी मदद की। डॉ. बिस्वास ने कहा कि शुरुआती चरण में 40 युवाओं को ट्रेनिंग दी गई है।

कलेक्ट्रेट में खुलेगा ट्रेनिंग बूथ

आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर डॉ. राजीव प्रकाश ने बताया कि बापी प्रोग्राम को प्रभावी बनाने के लिए आईआईटी भिलाई दंतेवाड़ा कलेक्ट्रेट में भी अपना एक सेटअप लगाएगा। इस कोशिश से बाल कुपोषण, एनीमिया और बाल मृत्यु जैसी समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। टीकाकरण, पोषण, एनीमिया में कमी, किशोर स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी सरकारी सेवाओं को बढ़ावा देने का कार्य बापियों, नायक और नायिकाओं की जिम्मेदारी होगी।